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ठेकों में 40 प्रतिशत कमीशन का आरोप लगाकर कॉन्ट्रैक्टर ने किया सुसाइड, मंत्री ईश्वरप्पा पर दर्ज हुई FIR

कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर एक ठेके के लिए 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाकर एक कॉन्ट्रैक्टर ने सुसाइड कर लिया।

कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर एक ठेके के लिए 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाकर एक कॉन्ट्रैक्टर ने सुसाइड कर लिया। कॉन्ट्रैक्टर ने सुसाइड के लिए मंत्री ईश्वरप्पा को दोषी ठहराया है। मामले में पुलिस ने खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली है।
मृतक कांट्रेक्टर संतोष पाटिल ने मीडियाकर्मियों को एक सुसाइड नोट व्हाट्सएप किया था, जिसमें दावा किया गया था कि मंत्री ईश्वरप्पा उनकी मौत के लिए सीधे जिम्मेदार हैं और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। उन्होंने लिखा, “मैंने अपने सभी सपनों को किनारे करने के बाद यह निर्णय लिया है। मेरी पत्नी और बच्चे को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और साथ ही हमारे लिंगायत नेता बीएस येदियुरप्पा का समर्थन करना चाहिए। मीडिया मित्रों को धन्यवाद।”
उन्होंने आगे कहा कि उनके दोस्तों का उनकी मौत से कोई लेना-देना नहीं है। उनके संदेश में कहा गया है, “मैं उन्हें दौरे के लिए लाया हूं और उनका कोई संबंध नहीं है।” संतोष पाटिल ने उडुपी के एक होटल में जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पाटिल बेलगावी जिले के बडासा गांव के रहने वाले थे। वह बेलगावी शहर में बस गये थे और एक ठेकेदार के रूप में काम करते थे। उनके परिवार में पत्नी और डेढ़ साल का बच्चा है।
ईश्वरप्पा ने की CM से जांच की मांग
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री ईश्वरप्पा ने स्पष्ट किया कि इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं है। ईश्वरप्पा ने कहा, “मैं नहीं जानता कि संतोष पाटिल कौन हैं। मैंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से घटना की जांच करने को कहा है।” इस बीच, संतोष पाटिल के भाई प्रशांत पाटिल ने अपने भाई की मौत के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने आरोप लगाया, “राज्य सरकार ने मेरे भाई की हत्या की है।” 
गिरिराज सिंह ने ईश्वरप्पा से आरोपों पर मांगा स्पष्टीकरण 
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायत राज (आरडीपीआर) मंत्री गिरिराज सिंह ने इससे पहले ईश्वरप्पा से पाटिल द्वारा लगाए गए आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा है। पाटिल ने आरोप लगाया था कि उन्हें 4 करोड़ रुपये का काम आवंटित किया गया था और इसे पूरा करने के बाद भी धनराशि जारी नहीं की गई। उन्होंने आगे कहा कि ईश्वरप्पा के सहयोगी 40 फीसदी कटौती की मांग कर रहे हैं। 
पाटिल ने ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय मीडिया को इंटरव्यू भी दिया था। ईश्वरप्पा ने पहले कहा था, आरडीपीआर विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एल.के. अतीक ने स्पष्ट रूप से बताते हुए स्पष्टीकरण भेजा था कि पाटिल द्वारा उल्लिखित ऐसे किसी भी कार्य के लिए न तो स्वीकृति आदेश और न ही प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। 
आवेदक पाटिल द्वारा किए जाने वाले सड़क कार्यों को सरकार के माध्यम से लागू नहीं किया गया है। इसलिए, उक्त परियोजना के लिए कोई धन नहीं जुटाया गया। मंत्री ईश्वरप्पा ने कहा था कि इसके पीछे साजिश है। ईश्वरप्पा ने कहा, “मैं इस मुद्दे पर सवाल उठा रहे कांग्रेस नेताओं से कहूंगा कि कार्य आदेश जारी नहीं किया गया है और अनुदान जारी करने का कोई सवाल ही नहीं है।”

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