गुजरात में चुनावों की तारीख नजदीक आ रही है। विधानसभा चुनाव में बीजेपी(BJP)के दो उम्मीदवारों विपक्षी दल सवाल उठाने लगे है और आरोप लगा रहे है कि सत्तारूढ़ पार्टी गुजरात दंगो के दोषियों को ईनाम दे रही है। भाजप ने नरोदा से पायल कुकरानी को मैदान में उतार रहे है।
बेटी के लिए कर रहे है चुनाव प्रचार
आपको बता दे कि पायल पेशे से डॉक्टर हैं और पहली बार चुनावी मैदान में उतरी हैं। उन्हें मौजूदा विधायक का टिकट काटकर प्रत्याशी बनाया गया है। पायल के पिता मनोज कुकरानी नारोदा पाटिया हत्याकांड में उम्रकैद की सजा भुगत रहे हैं। 2015 से वह जमानत पर जेल से बाहर हैं और फिलहाल बेटी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नरोदा के मौजूदा विधायक बलराम थवानी समेत कई बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मनोज कुकरानी का लड्डुओं से स्वागत किया है।
क्या है पूरा मामला?
गुजरात में साल 2002 में हुए दंगो के दौरान अहमदाबाद में स्थित नरोदा पाटिया इलाके में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस घटना में 33 लोग घायल हो गए थे। इस घटना को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन को जलाए जाने के एक दिन बाद अंजाम दिया गया था। अगस्त 2009 में नरोदा पाटिया कांड का मुकदमा शुरू हुआ. इसमें 62 आरोपियों के खिलाफ आरोप दर्ज किए गए थे।उसी लिस्ट में मनोज कुकरानी का नाम भी शामिल था। अब बीजेपी ने उन्हीं की बेटी को चुनावी मैदान में नरोदा से उतार दिया है।