देशभर में कोरोना का कहर जारी है। वायरस से निपटने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है, बावजूद इसके संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है। गुजरात के अहमदाबाद में कोरोना वायरस के चलते 100 से अधिक मौत हो चुकी है। शहर में कोरोना से मरने वालों की मृत्यु दर 4.58 फीसदी है जोकि देश के प्रमुख शहरों और राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है। अहमदाबाद के नगर आयुक्त विजय नेहरा ने सोमवार को कहा कि मृत्युदर को कम करने के लिए लोगों को वरिष्ठ नागरिकों की अतिरिक्त देखभाल करने की आवश्यकता है क्योंकि उनके अन्य की तुलना में संक्रमण की चपेट में आने का खतरा अधिक है।
गुजरात सरकार के आंकड़ों के अनुसार अहमदाबाद में कोरोना वायरस के अबतक 2,378 मामले सामने आए हैं। इनमें से 109 मरीजों की मौत हो चुकी है। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि शहर में कोविड-19 की मृत्यु दर 4.58 प्रतिशत है जो नई दिल्ली और मुंबई तथा राष्ट्रीय औसत से अधिक है। दिल्ली में कुल 2,919 मामलों में से कोविड-19 के 54 मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है। इससे पता चलता है कि मृत्यु दर 1.85 प्रतिशत है। मुंबई में, मृत्यु दर 3.77 प्रतिशत है क्योंकि अभी तक कुल 5,407 मामलों में से 204 मरीजों की मृत्यु हुई है। इसके अलावा, देश में कोरोना वायरस के कुल 28,380 मामले सामने आए हैं। इनमें से 886 मरीजों की मौत हुई है, जिससे मृत्यु दर 3.12 प्रतिशत होने का पता चलता है।
वहीं, अहमदाबाद में मृत्यु दर गुजरात की तुलना में भी अधिक है, जहां कोविड-19 के कुल 3548 मामलों में से 162 मरीजों या 4.56 प्रतिशत मरीजों की मृत्यु हुई है। नेहरा ने कहा कि मृत्यु दर को कम करने का सबसे अच्छा तरीका वरिष्ठ नागरिकों की अतिरिक्त देखभाल करना है क्योंकि उनके अन्य की तुलना में संक्रमण की चपेट में आने का खतरा अधिक है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं लोगों से वरिष्ठ नागरिकों, विशेष रूप से उन लोगों की देखभाल करने का आग्रह करता हूं, जो किसी न किसी तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं। यह मृत्यु दर नीचे लाने के लिए जरूरी है। ऐसे नागरिकों को स्थिति में सुधार होने तक परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दूरी बनाए रखने, मास्क लगाने और अपने घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए।’’
इस बीच, प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) जयंती रवि ने कहा कि गुजरात सरकार संक्रमण से अधिक प्रभावित क्षेत्र (हॉटस्पॉट) अहमदाबाद में कोविड-19 के ऐसे 75 रोगियों को आयुर्वेदिक उपचार देगी जिनमें कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं हैं। ऐसा आयुष इलाज के तहत उनके ठीक होने की अवधि देखने के लिए किया जाएगा। प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) ने कहा कि राज्य आयुष विभाग ने गुजरात में 1.26 करोड़ से अधिक लोगों को एक आयुर्वेदिक दवा मुफ्त में वितरित की थी। इसका उद्देश्य उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना था। उन्होंने कहा, पृथक-वास में रखे गए 7,778 लोगों को आयुर्वेदिक दवा दी गई और उनमें से केवल 21 कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गए।