कोविड-19 के मामलों मे वृद्धि के चलते हरिद्वार में महाकुंभ से प्रमुख अखाड़ों के संतों ने वापस जाना शुरू कर दिया है, जिसके बाद भीड़ में अचानक भारी कमी आई है। सोमवार को कई स्थानों पर भीड़ नहीं दिखी। आधिकारिक रूप से 30 अप्रैल को समाप्त होने वाले हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान यह अकल्पनीय नजारा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को साधुओं से कुंभ के शेष हिस्से को सांकेतिक रखने की अपील की थी।
स्नान घाटों पर अब भीड़ दिखाई नहीं दे रही है, जहां 14 अप्रैल को भौतिक दूरी जैसे कोविड-19 नियमों की अनदेखी कर साधु और आम लोग शाही स्नान के दौरान गंगा में डुबकी लगाने के लिए उमड़ पड़े थे। वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रविवार को कहा कि हरिद्वार कुंभ के स्नान सभी के सहयोग से आवश्यक सावधानियां रखते हुए सफलतापूर्वक संपन्न हुए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतीकात्मक कुंभ स्नान के आह्वान में संतों का सहयोग भी मिल रहा है।
यहां संस्कार भारती उत्तराखंड एवं रामकृष्ण सेवा समिति द्वारा वर्चुअल आयोजित विचार कुंभ में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री रावत ने यह कहा । उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 की विकट परिस्थितियों में हमें एकजुट होकर अनुशासन का परिचय देना होगा। हरिद्वार कुम्भ के स्नान सभी के सहयोग से आवश्यक सावधानियाँ रखते हुए सफलतापूर्वक सम्पन्न हुए हैं।’’ रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रतीकात्मक कुम्भ स्नान के आह्वान में संतों का सहयोग भी मिल रहा है।
उन्होंने कुंभ मंथन दिशाबोध 2021 के अंतर्गत ‘राममंदिर से राष्ट्रनिर्माण एवं विश्वकल्याण’ के ध्येय को लेकर संस्कार भारती उत्तराखंड को हरिद्वार में बाल कुंभ, कवि कुंभ, विचार कुंभ और दीप कुंभ के भव्य आयोजन के लिए बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अद्भुत संयोग है कि हरिद्वार कुंभ के साथ इसी समय वर्षों के संघर्ष और लाखों रामभक्तों के त्याग एवं बलिदान के पश्चात अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बन रहा है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि देश के अग्रणी, प्रखर और मूर्धन्य विद्वानों द्वारा इस विचार कुंभ में राममंदिर से राष्ट्र निर्माण एवं विश्व कल्याण पर की जा रही परिचर्चा से वैचारिक अमृत की प्राप्ति होगी और उससे निश्चित ही समाज का पथप्रदर्शन होगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री राम पूरे विश्व के आदर्श हैं, वह करुणा,त्याग और मर्यादा की प्रतिमूर्ति हैं और उन्होंने संसार को मानवता के मार्ग पर चलना सिखाया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।