राजस्थान में कांग्रेस गुट के गहलोट और पायलेट की बयानबाजी तो चलती ही रहती है। अब चुनाव आने वाले है तो राजस्थान मेें सियासी घमासान बढना तो लाजमी है। यहां लंबे समय से चल रही गुजबाजी में कई तरह की बयानबाजी सामने आ रही है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के बीच कई तरह के आरोप प्रत्यारोप लग रहे हैं।
नालायक, निकम्मा और गद्दार जैसे आरोपों के बाद कांग्रेस में अब कोरोना ने भी एंट्री मार ली है। एसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकी अशोक गहलोत ने सचिवालय में हुई बैठक के दौरान कह दिया कि हमारी पार्टी के अंदर एक बड़ा कोरोना आ गया है। इससे आप समझ सकते हैं कि गहलोत का इशारा किस तरफ था। जैसे ही गहलोत ने कहा कि हमारी पार्टी के अंदर एक बड़ा कोरोना आ गया है।उसी दौरान बैठक में मौजूद कई अफसर ठहाके लगाकर हंस पड़े।
गहलोत और पायलट में आरोप प्रत्यारोप
दरअसल हुआ यूं की 18 जनवरी को सचिवालय में कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ गहलोत संवाद कर रहे थे। इसी दौरान एक कर्मचारी नेता ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप कर्मचारियों द्वारा बार बार आग्रह करने पर भी मिलते नहीं हो। इसका जबाव में गहलोत ने कहा कि अब मैं मिलने लगा हूं। पहले कभी उपचुनाव कभी राज्यसभा चुनाव कभी कोरोना आ गया था। गहलोत ने हंसते हुए आगे कहा कि एक बड़ा कोरोना तो हमारी पार्टी के अंदर भी आ गया है। गहलोत ने सचिन पायलट का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनका इशारा पायलट की ओर था। तो इस तरह से बिना नाम लिए गहलोट और पायलेट बिना नाम लिए एक दूसरे को निशाना बना रहे है।
पायलट ने साधा निशाना
गहलोत के बयान के बाद सचिन पायलट कहां चूप रहने वाले थे उन्होंने भी भ्रष्टाचारियों पर लगाम की बात करते हुए गहलोत को घेरा है। पायलट ने पाली में एक सभा में कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार की जांच के लिए माथुर आयोग बनाया था। लेकिन दुर्भाग्यवश यह आयोग कुछ नहीं कर सका। इस कार्यकाल में भी 4 साल बीत चुके हैं। उम्मीद है अब 11 महीनों में भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की जांच होगी।
जुबानी जंग का दौर
इससे पहले राजस्थान में पेपर लीक मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट में जुबानी जंग छिड़ी थी। दोनों नेता एक-दूसरे का नाम लिए बिना एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। एक ओर पायलट प्रदेश में आए दिन होने वाले पेपर लीक मामले पर अपनी ही पार्टी की सरकार को घेर रहे हैं। तो वहीं गहलोत सरकारी तंत्र की गलतियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे है। तो इस तरह से पहले तो बहुमत वाली लड़ाई हुई और अब जुबानीजंग शुरु हो चुकी है। खैर ये राजनीति है इसमें कब क्या हो जाए ये तो कोई नहीं जानता।