कोरोना वायरस के चलते सरकार ने कई राज्य में स्कूल-कॉलेज, सिनेमा हाल और कई कार्यक्रमों पर 31 मार्च तक रोक लगा दी है। वहीं, बंबई हाई कोर्ट ने कोरोना वायरस प्रकोप के बीच होने जा रही स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षाओं के संबंध में मुंबई विश्वविद्यालय से सोमवार को जवाब मांगा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बी पी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एन आर बोरकर की खंड पीठ को सिद्धार्थ इंगले के वकील ने बताया कि राज्य सरकार ने 14 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर सभी कॉलेज एवं स्कूल 31 मार्च तक बंद रखने का निर्देश दिया था।
हालांकि सरकार ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा निर्धारित तिथि के अनुसार ही कराने की अनुमति दी थी। इंगले के वकील जमशेद मिस्त्री ने सोमवार को अदालत को बताया कि विश्वविद्यालय की परीक्षाएं 23 मार्च से शुरू होनी हैं जिनमें कई लाख छात्र शामिल होंगे।इंग्ले की याचिका में कहा गया, “मुंबई विश्वविद्यालय को इन परीक्षाओं में बैठ रहे छात्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इस याचिका की असल चिंता उनकी सुरक्षा को लेकर है, इसलिए आपसे अनुरोध है कि इसपर तत्काल सुनवाई हो।”
पीठ ने विश्वविद्यालय को याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया और मामले में आगे की सुनवाई मंगलवार को तय की है।अन्य सामाजिक कार्यकर्ता सागर जोंधले द्वारा दायर जनहित याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकारी वकील पी पी काकड़े ने पीठ को बताया कि सभी जरूरी कदम उठा लिए गए हैं।