बेंगलुरु में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी की रैली के मंच से पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने वाली 19 वर्षीय अमूल्या लियोन को बेंगलुरु की एक अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दिया है। अमूल्या को बेल न देने के पीछे कोर्ट का तर्क है कि वो भाग सकती हैं।
जमानत याचिका खारिज करते हुए 60वें अतिरिक्त नगर दीवानी एवं सेशन जज विद्याधर शिराहट्टी ने कहा कि जांच पूरी नहीं हुई है और जांच अधिकारी ने अभी तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया है। जज ने कहा, ‘‘यदि याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है तो वह फरार हो सकती है, या इस तरह के अपराध में संलिप्त हो सकती है, जिससे शांति व्यवस्था में खलल पड़ेगा।’’
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उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता की याचिका खारिज किए जाने योग्य है। दरअसल, इसी साल 20 फरवारो को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के विरोध में आयोजित एक कार्यक्रम में अमूल्या ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया। नारा सुनते ही वह मौजूद सभी लोग हरकत में आ गए।
इस कार्यक्रम में एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने अमूल्या के हाथ से माइक छीनने की भी कोशिश की। इस घटना के बाद देश में बड़े स्तर पर विवाद खड़ा हुआ था। यहाँ तक की अमूल्या के घर पर लोगों ने पथराव तक किया। अमूल्या के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज है।