कोविड-19 से सुरक्षा के दिशा-निर्देशों के खुलेआम उल्लंघन के आरोपों से घिरीं नर्मदा कलश यात्राओं का मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मंगलवार को बचाव किया। उनका दावा है कि सत्तारूढ़ दल का यह आयोजन उनके निर्वाचन क्षेत्र सांवेर के आम लोगों की आस्था से जुड़ा है।
सिलावट ने यहां संवाददाताओं से कहा, ये कलश यात्राएं सांवेर के आम लोगों की आस्था और विश्वास से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि ये यात्राएं इसलिये निकाली जा रही हैं क्योंकि प्रदेश सरकार की एक परियोजना के तहत नर्मदा नदी का पानी पाइपलाइन के जरिये सांवेर के गांवों में पहुंचने वाला है।
सिलावट ने कहा, हम संबंधित गांवों के भीतर ही कलश यात्राएं निकाल रहे हैं। हालांकि, हम कोशिश करेंगे कि इनमें कम लोग शामिल हों। जल संसाधन मंत्री ने यह भी कहा, कोविड-19 का संकट बड़ा है और प्रदेश सरकार इससे निपटने के प्रति सजग है।
प्रशासन और पुलिस के अधिकारी इस महामारी पर नियंत्रण पाने में लगे हैं। सांवेर, सूबे के उन 27 विधानसभा क्षेत्रों में शामिल है जहां आने वाले दिनों में उपचुनाव होने हैं। राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी समर्थकों में गिने जाने वाले सिलावट को सांवेर उप चुनाव में भाजपा का टिकट मिलना तय सा है।
उधर, कांग्रेस की ओर से पूर्व लोकसभा सदस्य प्रेमचंद बौरासी गुड्डू की उम्मीदवारी पक्की मानी जा रही है। भाजपा सूत्रों ने बताया कि सिलावट के निर्वाचन क्षेत्र सांवेर के 250 गांवों में नर्मदा कलश यात्राएं निकालने का सिलसिला चार सितंबर से शुरू हुआ था। ये यात्राएं अगले एक-दो दिन में खत्म होने वाली हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में इन यात्राओं में सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं अपने सिर पर नर्मदा नदी के जल से भरा कलश रखकर शोभा यात्रा के रूप में चलती दिखायी दे रही हैं। यात्रा में शामिल महिलाएं ढोल की थाप पर समूह में नृत्य करती भी नजर आ रही हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने आरोप लगाया है कि चुनावी फायदे की गरज से निकाली जा रहीं भाजपा की इन यात्राओं में कोविड-19 से बचाव के लिये मास्क पहनने और शारीरिक दूरी के दिशा-निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है।