कर्नाटक में उठा हिजाब विवाद देश में केंद्र का मुद्दा बनता जा रहा है। विवाद पर पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से लगातार प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं। इस बीच मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग करते हुए भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के सांसद एलाराम करीम ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखा है।
पत्र में क्या बोले सांसद एलाराम करीम?
सांसद एलाराम करीम ने बुधवार को शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर कहा है कि इतने सालों से छात्राएं वर्दी के साथ हिजाब पहन रहीं थीं। यहां तक की कुछ संस्थानों में हेडस्कार्फ का रंग तक निर्धारित किया गया था लेकिन अब क्यों मुस्लिम छात्राओं को सिर पर दुपट्टा, हिजाब पहनकर कक्षाओं में भाग लेने के उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है, जबकि दशकों तक ऐसा कोई विवाद नहीं था। इसका मुस्लिम समुदाय में व्यापक विरोध हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने के लिए और लोगों को विभाजित करने के लिए जानबूझकर इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। सांसद एलाराम करीम ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से कहा, आप कृपया इस तथ्य पर ध्यान दें कि राज्य में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने के इरादे से एक अनावश्यक विवाद पैदा किया जा रहा है। इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर आप तत्काल हस्तक्षेप करें। उन्होंने कहा कि यह उम्मीद की जा रही थी कि राज्य सरकार यथास्थिति बनाए रखते हुए इस उग्र विवाद को रोकने के लिए पहल करेगी। लेकिन कर्नाटक सरकार की तरफ से ऐसा नहीं किया गया।
सांसद एलाराम करीम ने शिक्षा मंत्री से कहा, मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि मुस्लिम लड़कियों को उनके शिक्षा के अधिकार और सिर पर स्कार्फ पहनकर कक्षाओं में भाग लेने के अधिकार से वंचित न करें, जैसा कि वे इस विवाद के भड़कने तक करती रही हैं। कक्षाओं में भाग लेने के लिए छात्रों का अधिकार प्राथमिक चिंता का विषय होना चाहिए और इसे किसी भी कीमत पर संरक्षित किया जाना चाहिए। इस अनावश्यक विवाद को समाप्त करने का निर्देश दें जो हमारे देश के सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचा सकता है।
हिजाब विवाद पर सांप्रदायिक कील मत ठोकिए
कर्नाटक में हिजाब पर हो रहे हंगामे पर केंद्रीय मंत्री मु़ख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हमारे देश में अल्पसंख्यक लोगों के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक अधिकार बराबर हैं। इसलिए हिजाब पर किसी तरह का हंगामा ठीक नहीं है। जो संस्थान हैं उनके अपने ड्रेस कोड होते हैं, उस पर सांप्रदायिक कील मत ठोकिए।
गौरतलब है कि कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में बढ़ते हिजाब विवाद के बीच हाईकोर्ट बुधवार को इस मामले की सुनवाई है। हिजाब विवाद के कारण हुई हिंसा की घटनाओं में कर्नाटक में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। पुलिस अब तक इन मामलों में 15 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।