मौसम विज्ञान विभाग द्वारा अगले कुछ दिनों में अरब सागर में चक्रवात का पूर्वानुमान जताये जाने के बाद गुजरात के मुख्मयंत्री विजय रूपाणी ने बुधवार को एक बैठक की और तटीय जिलों के अधिकारियों को चौकस रहने एवं जरूरी उपाय करने का निर्देश दिया। एक मंत्री ने यह जानकारी दी। अधिकारियों का अनुमान है कि पूर्व-मध्य अरब सागर में चक्रवात उत्पन्न होने से सौराष्ट्र और दक्षिणी क्षेत्र समेत गुजरात के तटीय भागों में गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
हालांकि इस बात की तत्काल कोई चेतावनी नहीं है कि चक्रवात , यदि उत्पन्न होता है, तो गुजरात पर असर डालेगा। गृह राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ संभावित चक्रवात, जिसका नाम तौकटे चक्रवात रखा गया है, के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने अधिकरियों को जरूरी निर्देश दिये हैं।’’ उन्होंने कहा कि ऐसा अनुमान है कि यदि चक्रवात उत्पन्न होता है तो वह गुजरात के सौराष्ट्र एवं कच्छ क्षेत्र को प्रभावित करेगा, ऐसे में मुख्यमंत्री ने प्रशासन को लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ राज्य के राजस्व विभाग ने भी सभी संबंधित जिलाधिकारियों को कोविड-19 नियमों के अनुसार कदम उठाने का निर्देश दिया है।’’ मुख्यमंत्री ने तटीय जिलों के अधिकारियों को मौसम विज्ञान विभाग के अनुमान के मद्देनजर चौकस रहने को कहा है। वही मौसम विभाग ने केरल में अगले हफ्ते भारी बारिश होने की संभावना जताई है आईएमडी ने बताया 4 मई को अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है।
केरल और लक्षद्वीप में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश और तेज़ हवाएं चलने का पूर्वनुमान है। इस दौरान समंदर भी अशांत रहेगा। जिसके बाद केरल सरकार ने कुछ जिलों के लिए भारी बारिश का पीले और नारंगी रंग के अलर्ट जारी किया है। और सभी लोगों से केरल आपदा प्रबंधन की ओर से जारी सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है। आईएमडी ने मछुआरों को गहरे समंदर में नहीं जाने और तट पर लौट आने की सलाह दी है।