ओडिशा के गोपालपुर और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम तटों के बीच से रविवार को ‘गुलाब’ चक्रवात के गुजरने की आशंका है जिसके मद्देनजर बचाव और राहत कार्यों के लिए उत्तर तटीय आंध्र जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के तीन और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के एक दल को तैनात किया गया है।तूफान की तीव्रता बढ़ गई है और ऑरेंज अलर्ट कर दिया गया है।
सरकार की ओर से शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि विशाखापत्तनम, विजयनगरम और श्रीकाकुलम जिलों में निचले इलाकों से लगभग 86,000 परिवारों को राहत शिविरों में स्थानांतरित करने की को योजना बनाई गई है। श्रीकाकुलम में एनडीआरएफ के दो दलों को तैनात किया गया है जहां चक्रवात का अधिक प्रभाव हो सकता है। इसके अलावा विशाखापत्तनम में एक दल को तैनात किया गया है। विशाखापत्तनम में एसडीआरएफ के एक दल को भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रखा गया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इन जिलों के मछुआरों से 27 सितंबर तक समुद्र में न जाने को कहा है
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवाती तूफान के मद्देनजर उससे निपटने के लिए की जा रही तैयारियों की शनिवार को समीक्षा की और अधिकारियों को सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया।
इस तूफान के उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तट से रविवार की शाम को 75 से 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरने की संभावना है। इसकी अधिकतम गति 95 किलोमीटर तक होने का अनुमान जताया गया है।
इसकी वजह से इलाके में भारी बारिश होने की संभावना है। तूफान की वजह से आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम जबकि ओडिशा के गंजम और गजपति जिलों के प्रभावित होने की आशंका है। आधिकारिक बयान के मुताबिक कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में एनसीएमसी ने केंद्रीय मंत्रालयों, एजेंसियों और राज्य सरकारों की बंगाल की खाड़ी में उठे तूफान से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की।
ओडिशा और आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिवों ने एनसीएमसी को उन कदमों की जानकारी दी जो तूफान से प्रभावित होने वाली संभावित आबादी की सुरक्षा के लिए उठाए गए हैं । साथ ही उन कदमों की भी जानकारी भी दी जो संचार और ऊर्जा जैसी अवसंरचना को तूफान से होने वाली हानि को न्यूनतम करने के लिए उठाए गए हैं।