भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को बताया कि चक्रवात तौकते सोमवार की मध्यरात्रि में सौराष्ट्र क्षेत्र के दीव और ऊना के बीच गुजरात तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया है। राज्य के अधिकारियों ने बताया कि तौकते के कारण किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है और यह तूफान अब कमजोर पड़ गया है। मौसम विभाग ने मध्यरात्रि के बाद ट्वीट किया जिसमें बताया कि तौकते अब ‘काफी गंभीर चक्रवाती तूफान’ से कमजोर होकर ‘गंभीर चक्रवाती तूफान’ में बदल गया है।
विभाग ने ट्वीट किया, ‘‘चक्रवात का अगला हिस्सा तट से होकर गुजर चुका है और अब पिछला हिस्सा भी जमीनी हिस्से की ओर बढ़ रहा है।’’ भीषण चक्रवाती तूफान सोमवार रात में करीब नौ बजे गुजरात के सौराष्ट्र तट से टकराया था। इससे पहले, चक्रवात के कारण मुंबई में भारी वर्षा हुई और गुजरात में दो लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा।
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तूफान के कारण दीव में 150 से 175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली और पूरे तटीय क्षेत्र में भारी बारिश हुई। जिलों के अधिकारियों ने बताया कि जूनागढ़, अमरेली और भावनगर जिलों में पेड़ उखड़ गए। क्षेत्रीय मौसम विभाग केंद्र की ओर से बताया गया कि चक्रवात अब उत्तरी गुजरात की ओर बढ़ेगा।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘यह अमरेली जिले की ओर बढ़ेगा और फिर सुरेंद्रनगर जिले को पार करते हुए बनासकांठा की ओर जाएगा। हमें उम्मीद है कि आगे बढ़ने के साथ-साथ तूफान कमजोर होता जाएगा।’’ चक्रवात के कारण कई स्थानों पर सड़कें अवरूद्ध हो गईं और इन जिलों में कई गांवों में बिजली गुल हो गई। चक्रवात के गुजरात तट से टकराने से पहले मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा था कि तटीय जिलों अमरेली, जूनागढ़, गिर-सोमनाथ और भावनगर में 150 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और ये जिले चक्रवात से सर्वाधिक प्रभावित होंगे।
भारतीय नौसेना ने अरब सागर में आए चक्रवातीय तूफान तौकते के कारण समु्द्र में अनियंत्रित होकर बहे एक बजरे पर सवार 146 लोगों को बचा लिया है और बाकियों की तलाश अभी जारी है। एक अधिकारी ने बताया कि नौसेना ने बचाव कार्य के लिए मंगलवार सुबह पी-81 को तैनात किया था। यह खोज एवं बचाव कार्यों के लिए नौसेना का एक बहुमिशन समुद्री गश्ती विमान है।
गुजरात में 9 जून, 1998 को आए एक बड़े चक्रवात से व्यापक क्षति हुई थी और बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई थी, विशेष रूप से कांडला के बंदरगाह शहर में। वहीं आधिकारिक आंकड़ों ने तब मरने वालों की संख्या 1,173 बताई थी, जबकि 1,774 लापता हो गए थे। एक प्रमुख समाचार पत्रिका ने तब दावा किया था कि इसमें कम से कम 4,000 लोग मारे गए थे और अनगिनत लापता हो गए थे क्योंकि शव समुद्र में बह गए थे।