गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी चक्रवात ‘ताउते’ के राज्य की ओर तेजी से बढ़ने के मद्देनजर पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य आपात संचालन केंद्र (एसईओसी) में ही रुके रहे। मंगलवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में इस बारे में बताया गया।
विज्ञप्ति के अनुसार सोमवार सुबह जब चक्रवात गुजरात के तट से टकराया तब रूपाणी स्थिति की निगरानी और प्रशासन के मार्गदर्शन के लिए गांधीनगर में केंद्रीय नियंत्रण कक्ष एसईओसी पहुंचे। विज्ञप्ति में कहा गया कि वह सोमवार मध्यरात्रि तक नियंत्रण कक्ष में ही थे और प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों तथा क्षेत्र अधिकारियों के साथ डिजिटल बैठकें और टेलीफोन से बातचीत करते रहे।
रूपाणी मंगलवार सुबह फिर एसईओसी पहुंचे और वहां करीब तीन घंटा रुके। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और मौजूदा स्थिति तथा चक्रवात के कारण हुई क्षति के बारे में जानकारी ली। स्थिति की समीक्षा के बाद रूपाणी ने पत्रकारों से कहा कि गुजरात में इतने गंभीर चक्रवात के आने के बावजूद राज्य सरकार किसी भी तरह के जान-माल के बड़े नुकसान को होने से रोकने में सफल रही क्योंकि दो लाख से अधिक लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थान पहुंचा दिया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि गुजरात के कई हिस्सों में चक्रवात के कारण कम से कम सात लोगों की मौत हुई है और भारी तबाही हुई है। बिजली के कई खंभे, पेड़ उखड़ गए हैं और कई मकान और सड़कों को नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग ने बताया कि भीषण चक्रवाती तूफान सोमवार रात में करीब नौ बजे गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में दीव और उना के बीच तट से टकराया था।
यह गुजरात तट से ‘अत्यंत तीव्र चक्रवाती तूफान’ के रूप में टकराया और धीरे-धीरे कमजोर पड़ गया। मौसम विभाग ने बताया कि मंगलवार सुबह यह सौराष्ट्र क्षेत्र में अमरेली के निकट “बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान” के तौर पर बना हुआ था और दोपहर बाद इसके कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की उम्मीद है।