तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आतंकवाद के कृत्य से जुड़ी यूएपीए की धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं। सीबीआई ने सोमवार को महाराष्ट्र में न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) एस एम ए सैयद को इस संबंध में जानकारी दी। सरकारी अभियोजक विजय कुमार ढकाने ने कहा, ‘‘केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अदालत को बताया कि आरोपियों के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 15 और 16 (आतंकवादी कृत्य) के तहत आरोप लगाए गए हैं।’’
सीबीआई ने नरेंद्र दाभोलकर हत्या मामले में हिंदू जनजागृति समिति के सदस्य एवं ईएनटी सर्जन वीरेंद्र सिंह तावड़े, सचिन आंदुरे और शरद कालास्कर सहित छह लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने वर्ष 2016 में तावड़े के खिलाफ अन्य आरोपों सहित भादविं की धारा 120-बी और 302 (हत्या) के तहत आरोप पत्र दायर किया था। ढकाने ने कहा कि अन्य पांच आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल करने का 90 दिन का समय 18 नवम्बर को खत्म हो रहा है। इन्हें कुछ महीने पहले ही गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब, जब यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं, तो सीबीआई को मामले में आरोपपत्र दायर करने के लिए 90 दिनों का और वक्त मिल जाएगा।’’सीबीआई के अनुसार सचिन आंदुरे और शरद कालास्कर ने 20 अगस्त 2013 को दाभोलकर को उस समय कथित तौर पर गोली मारी थी, जब वह पुणे के ओंकारेश्वर पुल पर सुबह की सैर कर रहे थे। सीबीआई ने पहले दावा किया था कि नरेंद्र दाभोलकर और भाकपा के वरिष्ठ नेता और तर्कवादी गोविंद पानसरे की हत्या का मुख्य ‘‘षडयंत्रकारी’’ तावड़े है।
पानसरे को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में छह फरवरी 2015 को अज्ञात लोगों ने गोली मार दी थी, जिसके चार दिन बाद उन्होंने दम तोड़ दिया था। सीबीआई ने तावड़े, आंदुरे और कालास्कर के अलावा दाभोलकर हत्या मामले में राजेश बंगेरा, अमोल काले और अमित दिगवेकर को गिरफ्तार किया है। बंगेरा और काले पत्रकार एवं कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या मामले में भी आरोपी हैं। लंकेश की पांच सितंबर 2017 को बेंगलुरु में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।