पिछले साल आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण अपनी पत्नी की लाश को 10 किलोमीटर तक पैदल अपने कंधे पर ले जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आने वाले ओडिशा के गरीब आदिवासी दाना मांझी की जिंदगी साल भर में अब पूरी तरह बदल चुकी है। पिछले साल जिला अस्पताल में देई का इलाज चल रहा था वहां पर कोई एम्बुलेंस की सुविधा नहीं थी।
इस तस्वीर के सामने आने के बाद पूरी दुनिया उसे देखकर सन्न रह गई थी। जिसके बाद बहरीन के प्रधानमंत्री समेत दुनियाभर से मांझी के लिए तिजोरी खोली गई। वित्तीय मदद के बाद मांझी की गरीबी अब उससे काफी पीछे छूट गई है। आज उसके पास नया घर, नई बाइक यहां तक कि नई वाइफ भी है। सरकार और आम लोगों से मिली मदद ने उसकी गरीबी दूर कर दिया है।
मंगलवार को मांझी कालाहांडी जिले के भवानीपाटा से अपने घर तक उस हॉन्डा की बाइक पर सफर की जिसे वह शो रुम में 65 हजार रुपये से खरीदी है। ये वही रोड है जहां पिछले साल अगस्त में गरीब मांझी अपनी बेटी के साथ पैदल कंधे पर अपनी पत्नी अमांग देई का कपड़े में लिपटा शव लेकर पैदल 10 किलोमीटर चलकर घर आया था क्योंकि उसके पास गाड़ी वालों को देने के लिए पैसे नहीं थे।
मांझी को बहरीन के प्रधानमंत्री प्रिंस खलीफा बिन सलमान अल-खलीफा की तरफ से 9 लाख रुपये दिए गए। अन्य लोगों और संगठनों ने भी मांझी की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया। जिस मांझी के पास एक बैंक अकाउंट तक नहीं था उसके काफी पैसे फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसे रखे हैं जो पांच साल बाद मैच्योर होंगे। यहां तक कि जिस प्रशासन पर अक्सर लोग अनदेखी का आरोप लगाते हैं उसकी तरफ से भी मदद का हाथ बढ़ा और मांझी को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत घर का आवंटन किया गया।
इस वक्त घर का निर्माण चल रहा है और मांझी आंगनवाड़ी विलेज सेंटर में रह रहा है। और उसकी तीनों बेटियां भुवनेश्वर के रिसिडेंशियल स्कूल में पढ़ रही हैं। एक शिक्षण संस्थान की तरफ से मुफ्त पढ़ाई के ऑफर दिया गया था। मांझी ने दोबारा शादी कर ली और उसकी नई पत्नी का नाम है अलामति देई है वह इस वक्त गर्भवती है।
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