उत्तर भारत में हाहाकार मचाने के बाद कोरोना का सबसे खतरनाक डेल्टा वेरिएंट अब पूर्वोत्तर राज्यों में भी पहुंच गया है। पूर्वोत्तर के 2 राज्यों मणिपुर और मिजोरम में पहली बार कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के मामले पाए गए हैं। जिसके बाद अधिकारियों ने लोगों से अधिक सतर्क रहने और कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने पुष्टि की है कि राज्य में कोविड-19 के डेल्टा वेरिएंट का पता चला है।
मुख्यमंत्री ने इंफाल में एक आधिकारिक समारोह को संबोधित करते हुए कहा, हैदराबाद की एक प्रयोगशाला में मणिपुर के 20 नमूनों की प्रारंभिक जांच के बाद 18 नमूने डेल्टा वेरिएंट के पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर में पॉजिटिव मामलों के तेजी से फैलने की चिंता का प्रमुख कारण डेल्टा वेरिंएट ही है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अधिक सतर्क रहने और नए वेरिएंट से बचने के साथ ही संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए कोविड उपयुक्त व्यवहार और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करने का आग्रह किया।
आइजोल में अधिकारियों ने कहा कि मिजोरम में भी कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएंट (बी.1.617.2) के चार मामले सामने आए हैं। कोविड-19 मामलों पर मिजोरम सरकार के प्रवक्ता पचुआ लालमाल्सावमा ने बताया, आइजोल जिले के चार पुरुषों में डेल्टा वेरिएंट का पता चला है, जिनके नमूने अन्य के साथ नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (एनआईबीएमजी), कल्याणी (पश्चिम बंगाल) में भेजे गए हैं।
उन्होंने कहा कि 18-45 वर्ष की आयु के चार रोगियों में से तीन का यात्रा इतिहास था, जबकि एक स्थानीय रूप से संक्रमण का शिकार हुआ। एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के लिए राज्य के नोडल अधिकारी लालमाल्सावमा ने कहा कि पूरे जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लगभग 100 और नमूने बहुत जल्द एनआईबीएमजी को भेजे जाएंगे। डेल्टा वेरिएंट के लिए कहा जा रहा है कि यह साधारण वायरस के मुकाबले काफी संक्रामक है, जो कि चिंता का विषय है।