मुम्बई महाराष्ट्र के परभनी जिले में एक अदालत ने एक व्यक्ति को पांच वर्षीय बच्ची से बलात्कार करने और उसकी जघन्य तरीके से हत्या करने के लिए मौत की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि अपराध किसी खतरनाक जानवर के कृत्य से भी ‘‘ज्यादा जघन्य’’ था। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो मामले) एस. जी. इनामदार ने मंगलवार को आरोपी विष्णु गोरे (30) को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और यौन उत्पीड़न से बच्चों की सुरक्षा कानून के प्रावधानों के तहत दोषी पाया।
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अभियोजन के मुताबिक बच्ची अपने दादा-दादी के साथ रहती थी जो परभनी के एक गांव में कृषक मजदूर थे 27 अक्टूबर 2016 को जब उसके दादा-दादी काम से घर लौटे तो उन्होंने लड़की को घर में नहीं पाया। उसका पता नहीं लग पाने के कारण दो दिनों बाद उन्होंने सोनपेठ थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस को 31 अक्टूबर 2016 को लड़की का शव गांव में एक कुएं में मिला जिसके बाद उन्होंने आरोपी को धर दबोचा। आरोपी भी मजदूर था और उसी जिले का निवासी था। अभियोजन के मुताबिक आरोपी ने लड़की का उसके घर से अपहरण किया, उसका यौन उत्पीड़न किया। और फिर नायलन की रस्सी से उसका गला घोंटकर उसे मार डाला। इसके बाद उसका शव बोरे में भरकर कुएं में फेंक दिया।