चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच बीते दिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल का दौरा किया और आज वो असम के दौरे पर हैं। रक्षामंत्री का ये दौरा सामरिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है और सीमा पर भारत के बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर को और गति प्रदान करेगा। दौरे के बीच रक्षामंत्री दर्शन के लिए असम के विख्यात कामाख्या मंदिर भी गए।
राजनाथ सिंह शुक्रवार को कामाख्या देवी की पूजा अर्चना के लिए पहुंचे। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए पाबंदी लागू होने के कारण मंदिर फिलहाल बंद चल रहा है और सिंह ने मुख्य द्वार के बाहर ही प्रार्थना की। सिंह के साथ मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा भी मंदिर गए और उन्होंने भी पूजा अर्चना की।
रक्षा मंत्री बृहस्पतिवार की शाम को यहां पहुंचे। इससे पहले उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के किमिन में सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित 12 सामरिक सड़कों का लोकार्पण किया था। रक्षा मंत्री ने राजभवन में रात्रि विश्राम किया जहां राज्यपाल जगदीश मुखी ने उनके सम्मान में रात्रि भोज आयोजित किया। इस भोज में सरमा, पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी भी मौजूद थे। नयी दिल्ली रवाना होने से पहले सिंह का सारुसजई स्टेडियम में डीआरडीओ द्वारा निर्मित कोविड अस्पताल जाने का भी कार्यक्रम है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा था कि भारत वैश्विक शांति का ‘‘पुजारी’’ है, लेकिन यह आक्रामक कार्रवाइयों का करारा जवाब देने में भी सक्षम है। उनके इस बयान को चीन को दिए गए परोक्ष संदेश के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने यहां 12 सामरिक सड़कों को राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं धैर्य में किसी भी तरह की गंभीर गड़बड़ी के घातक परिणाम होंगे।
सिंह ने कहा, ‘‘हम दुनिया में शांति चाहते हैं लेकिन अगर कोई आक्रामक रवैया दिखाता है तो हम जवाब देंगे। नई सड़कों को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी।’’ लद्दाख के गलवान घाटी में एक वर्ष पहले भारत और चीन की सेनाओं के बीच झड़प के बाद हॉट स्प्रिंग और गोगरा पोस्ट पर चीन के बने रहने के परिप्रेक्ष्य में सिंह ने ये बयान दिए हैं।