दिल्ली शराब नीति : CM के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को ED ने किया तलब

दिल्ली शराब नई नीति पहले दिन से विवादों में रही, राज्य के वपक्षी दलों ने भी आप सरकार पर जमकर हमला बोला। नतीजा ये रहा दिल्ली सरकार को ये फैसला वापस लेना पड़ा लेकिन विवाद अभी भी नहीं थमा विपक्ष की ओर से हमला लगातार जारी रहा।
दिल्ली शराब नीति : CM के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को ED ने किया तलब
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दिल्ली शराब नई नीति पहले दिन से विवादों में रही, राज्य के वपक्षी दलों ने भी आप सरकार पर जमकर हमला बोला।  नतीजा  ये रहा दिल्ली सरकार को ये फैसला वापस लेना पड़ा लेकिन विवाद अभी भी नहीं थमा विपक्ष की ओर से हमला लगातार जारी रहा। विपक्ष इस नीति में अनियमिता का आरोप लगाता रहा।  जिसके बाद इसमें जांच शुरू हुई और आरोपियों की पेशी होना शुरू हो गया। जांच के चलते कुछ आरोपी बने तो कुछ सरकारी गवाह बन गए।  सूत्रों ने बताया कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) एमएलसी कल्वाकुंतला कविता को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में शुक्रवार को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया है।
सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को तलब किया
सूत्रों के मुताबिक, एक दर्जन से अधिक लोगों को भी तलब किया गया है जो घोटाले में नकद लेनदेन करने में शामिल थे।   इससे पहले, ईडी ने दिल्ली शराब नीति मामले की जांच के सिलसिले में इस साल मार्च में तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को तलब किया था। ईडी ने उन्हें पहले भी दिल्ली उत्पाद शुल्क घोटाले में पेश होने के लिए बुलाया था, आरोप लगाया था कि वह दक्षिण कार्टेल की एक प्रमुख सदस्य थीं।
पिछले साल मामले में अपना पहला आरोपपत्र
कविता, जो तेलंगाना विधान परिषद की सदस्य हैं, से पिछले साल दिसंबर में इसी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूछताछ की थी। ईडी ने इस मामले में अब तक पांच आरोपपत्र दाखिल किए हैं, जिनमें आम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसौदिया के खिलाफ आरोप पत्र भी शामिल है। ईडी ने पिछले साल मामले में अपना पहला आरोपपत्र दायर किया था। एजेंसी ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल की सिफारिश पर दर्ज किए गए सीबीआई मामले का संज्ञान लेने के बाद एफआईआर दर्ज करने के बाद उसने अब तक इस मामले में लगभग 200 तलाशी अभियान चलाए हैं।
सीबीआई जांच की सिफारिश
पिछले साल जुलाई में दायर दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के निष्कर्षों पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें प्रथम दृष्टया जीएनसीटीडी अधिनियम 1991, ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स (टीओबीआर) -1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम -2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियमों का उल्लंघन दिखाया गया था।

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