लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही फिर अलग पूर्वांचल राज्य की मांग ने जोर पकड़ लिया है। अलग पूर्वांचल राज्य और राज्य पुनर्गठन आयोग बनाने की मांग के समर्थन में पूर्वांचल राज्य गठन मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को जौनपुर कलेक्ट्रेट तक मार्च निकाला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित अपनी मांगों से जुड़े ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया।
मोर्चा के संयोजक राजकुमार ओझा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने यहां के वीआरपी मैदान से कलेक्ट्रेट तक मार्च किया। उन्होंने अलग पूर्वांचल राज्य के पक्ष में नारेबाजी की। श्री ओझा ने कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर मोर्चा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने सभी दलों को कटघरे में खड़ करते हुये कहा कि कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पूर्वांचल की दुर्दशा, गरीबी, बेकारी और नौजवानों के पलायन को रोकने के लिये कुछ नहीं किया।
श्री ओझा ने कहा कि आजादी के बाद लंबे समय तक कांग्रेस की सरकार रही। प्रदेश और केंद, में सत्ता की राह भी पूर्वांचल से होकर निकलती थी लेकिन यहां के लोगों को छला गया और अलग राज्य के सिर्फ वादे किये जाते रहे। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के 28 जिलों के लोगों की पीड़ को किसी भी दल का नेता समझने की कोशिश नहीं करता है। उन्होंने अलग पूर्वांचल के लिये यहां के लोगों से आजादी की दूसरी लड़ई लड़ने का भी आह्वान किया।