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महंगाई भत्ता में वृद्धि की मांग के संबंध में पश्चिम बंगाल में सरकारी दफ्तरों के सामने कर्मचारियों का प्रदर्शन

महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के कुछ संगठनों द्वारा आहूत दिनभर की हड़ताल शुक्रवार से शुरू हुई और प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों के गेट पर धरना दिया।

महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के कुछ संगठनों द्वारा आहूत दिनभर की हड़ताल शुक्रवार से शुरू हुई और प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों के गेट पर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने राइटर्स बिल्डिंग, विकास भवन, खाद्य भवन, स्वास्थ्य भवन जैसे राज्य सरकार के कार्यालयों और कोलकाता नगर निगम के गेट के सामने धरना दिया।
केंद्र के कर्मचारियों के बराबर लाने की दिशा में काम करना चाहिए
इसी तरह के दृश्य जिला मुख्यालय कस्बों, प्रखंड विकास कार्यालयों और नगर पालिकाओं और पंचायतों में भी देखे गए क्योंकि अन्य दिनों की तुलना में उपस्थित लोगों की संख्या कम थी। माकपा की कर्मचारी शाखा के एक प्रदर्शनकारी ने यहां कोलकाता नगर निगम भवन के बाहर कहा एक के बाद एक नोटिस जारी करने के बजाय इस सरकार को राज्य कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी करने और इसे अन्य राज्यों और केंद्र के कर्मचारियों के बराबर लाने की दिशा में काम करना चाहिए।’’
कार्यालय में प्रवेश करने से रोकने की जबरन कोशिश
आधिकारिक सूत्रों ने हालांकि कहा कि काम प्रभावित नहीं हुआ और कर्मचारी कार्यालय पहुंचे। पूर्वाह्न करीब 10 बजे मेदिनीपुर कॉलेज, पश्चिम मेदिनीपुर, उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय, सिलीगुड़ी और शिक्षा भवन में क्रमश: डीएसओ और भाजपा के आंदोलनकारियों ने मुख्य द्वार पर नारेबाजी की और छात्रों और कर्मचारियों को कार्यालय में प्रवेश करने से रोकने की जबरन कोशिश की।
आंदोलन के नाम पर कामकाज बाधित करने का आरोप 
इसको लेकर सत्ता पक्ष के समर्थकों और आंदोलनकारियों के बीच कहासुनी हुई और मारपीट की नौबत आ गई। सभी प्रमुख विपक्षी दल – मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)- राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा बुलाई गई हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने विपक्ष पर आंदोलन के नाम पर कामकाज बाधित करने का आरोप लगाया है।
नुपस्थिति को सेवा में माना जाएगा व्यवधान
ममता बनर्जी सरकार पहले ही कह चुकी है कि 10 मार्च को कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी और अनुपस्थिति को सेवा में ‘व्यवधान’ माना जाएगा। राज्य के वित्त विभाग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक आदेश के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा सहायता प्राप्त संस्थान जैसे शैक्षणिक संस्थानों सहित राज्य सरकार के सभी कार्यालय 10 मार्च को खुले रहेंगे और सभी कर्मचारी उस दिन ड्यूटी पर आएंगे।

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