देश और विदेश के तमाम विश्वविद्यालयों में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय हिंसा के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन किया गया। पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय, बेंगलुरु विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों ने प्रदर्शन किए। पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय की छात्रा रायजा ने कहा, ‘‘आज वह हैं कल हम हो सकते हैं। हिंसा किसी भी रूप में निंदनीय है। हम जेएनयू में अपने दोस्तों के साथ खड़े हैं।’’
पंजाब विश्वविद्यालय में छात्रों ने एक संगोष्ठी के दौरान नारेबाजी की। पंजाब विश्वविद्यालय परिसर में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानी चंद गुप्ता एक संगोष्ठी के दौरान लोगों को संबोधित कर रहे थे और तभी छात्रों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों में छात्राएं भी शामिल थी, जिन्हें सुरक्षा कर्मियों ने सेमिनार हॉल से बाहर निकाला। प्रदर्शनकारियों में से एक कनुप्रिया ने मीडिया से बात चीत में कहा कि वह जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष पर हुए हमले की कड़ी निंदा करती हैं।
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विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानी चंद गुप्ता ने प्रदर्शन को पूर्वनियोजित कृत्य करार दिया। ऑक्सफोर्ड और कोलंबिया विश्वविद्यालय में भी छात्रों ने एकजुटता दिखाते हुए मार्च किया और परिसर में छात्रों की सुरक्षा की मांग की । गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार रात उस वक्त हिंसा भड़क गयी थी जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा था।
इस हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित कई घायलों को नयी दिल्ली के एम्स के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। हालांकि सभी 34 छात्रों को सोमवार सुबह अस्पताल से छुट्टी दे दरी गई। वाम नियंत्रित जेएनयूएसयू और आरएसएस से संबद्ध एबीवीपी इस हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।