देश के कई राज्यों में डेंगू धीरे-धीरे कर पैर पसारने लगा है। यह बहुत ही खतरनाक और जानलेवा साबित होता जा रहा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ दिन-प्रतिदिन डेंगू के मामले बढ़ते ही जा रहे है।11 दिनों के अंदर डेंगू की वजह से दूसरी जान गई है।
डेंगू के मरीजों से भर चुके है अस्पताल
बता दे कि सरोजनीनगर के मोती जूनियर स्कूल में तैनात खेल शिक्षिका रीमा वर्मा ने शनिवार की रात को पीजीआई(PGI) में इलाज के समय दम तोड़ दिया। इससे पहले 19 अक्टूबर को आलमबाग एक अस्पताल में डेंगू की वजह से कंपनी के मैनेजर की मौत हो चुकी है। वह करीब 12 साल से बिजनौर के माती स्थित जूनियर स्कूल में खेल शिक्षिका थी। उन्हें उन्हें एक हफ्ते बुखार आ रहा था। रायबरेली रोड स्थित एक निजी अस्पताल में जांच कराने पर डेंगू की पुष्टि हुई थी।उनकी तबीयत बिगड़ने पर सरकारी चिकित्सा संस्थानों में बेड न मिलने पर पति ने निरालानगर के एक पास के अस्पातल में भर्ती कराया गया। 2 दिन पहले हालत ज्यादा नाजुक होने की वजह से उन्हें पीजीआई अस्पातल में भर्ती कराया गया। शनिवार को इलाज के दौरान मौत हो गई।
मेडिसिन वार्ड बुखार के मरीजों से भर गए
हालांकि तापमान में गिरावट से बेशक डेंगू के मरीज घाटे है लेकिन बुखार लोगों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। लखनऊ के सरकारी और निजी अस्पतालों की इमरजेंसी और मेडिसिन वार्ड पूरी तरह से बुखार के मरीजों से भर गए है। अब नए वार्ड में मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है।कई मरीज अस्पताल में बेड न मिलने की वजह से वापस घर लौट रहे है।चिकित्सा संस्थान, सरकारी अस्पताल और निजी अस्पतालों में डेंगू और बुखार के करीब 700 मरीज भर्ती है।