झारखंड के देवघर जिले में त्रिकूट पहाड़ियों पर चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन हादसे का शिकार हो गया है। यहां रोपवे ट्राली से लिफ्ट करने के दौरान एक महिला की 1500 फीट की ऊंचाई से गिरकर मौत हो गई। इस घटना का हैरान करने वाला वीडियो भी सामने आया है। देवघर रोपवे हादसे में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है।
जानकारी के मुताबिक, रोपवे ट्राली नंबर 7 से हेलीकॉप्टर की मदद से लोगों को निकाला जा रहा था। इस दौरान एक महिला को हेलीकॉप्टर से गिराई गई रस्सी के सहारे ट्राली से बाहर निकाला गया। गरुड़ कमांडो के जवान उसे निकाल रहे थे। उस महिला को हेलीकॉप्टर में ऊपर की ओर ले जाने के बजाय किसी कारण से नीचे की ओर उतारा जा रहा था।
इसी दौरान रस्सी में जोरदार झटका लगा। बताया जा रहा था महिला जिस रस्सी के 5 सहारे लटकी हुई थी वह ट्राली में ही कहीं फंस गई। इस दौरान रस्सी टूट जाने के कारन महिला 1500 फीट की ऊंचाई से सीधा निचे आ गिरी। महिला को तुरंत देवघर सदर अस्पताल के लिए भेजा गया जहां उसकी मौत हो गई। इस घटना का दिलदहला देने वाला वीडियो भी सामने आया है।
खत्म हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
देवघर के त्रिकुट पर्वत पर रोपवे हादसे के बाद चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 55 मिनट पर एक बुजुर्ग को सुरक्षित तरीके से एयरलिफ्ट किये जाने के साथ ही पूरा हो गया। 46 लोगों की जिंदगियां बचाने वाले ऑपरेशन त्रिकुट चलाने वाले जवानों को पूरा झारखंड सैल्यूट कर रहा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान नीचे गिर जाने से दो लोगों की मौत हो गयी। सोमवार को राकेश मंडल नामक एक युवक को जब हेलिकॉप्टर के ऊपर खींचा जा रहा था, तब सेफ्टी बेल्ट टूट जाने के कारण वह डेढ़ हजार फीट नीचे गिर गया। मौके पर ही उसकी मौत हो गयी।
मंगलवार को एक महिला शोभा देवी रस्सी के सहारे जमीन पर उतारे जाने के दौरान गिर पड़ीं। बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी। मंगलवार को सेना के जवानों ने 36 से लेकर 45 घंटे तक हवा में लटके 14 लोगों का रेस्क्यू किया। सोमवार को 32 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया था।
बता दें कि देवघर के त्रिकूट पर्वत पर रविवार शाम करीब पांच बजे रोपवे का सैप टूट जाने से 24 में से 23 ट्रॉलियों पर सवार कुल 78 लोग पहाड़ी और खाई के बीच हवा में फंस गये थे। इनमें से 28 लोगों को रविवार को सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि 48 लोग 20 से 26 घंटे तक ट्रॉलियों पर ही लटके रहे। रविवार को एक ट्रॉली के टूटकर नीचे आ जाने से दो लोगों की जान चली गयी।
मंगलवार को 12 बजकर 55 मिनट पर जब वायुसेना के जवानों ने आखिरी ट्रॉली पर सवार एक बुजुर्ग को सुरक्षित तरीके से एयरलिफ्ट किया तो हर किसी ने राहत की सांस ली। जिन 45 लोगों को नई जिंदगी मिली, उनका कहना है कि सेना के जवानों ने देवदूत बनकर उन्हें बचाया है।