कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन जारी है। शुक्रवार को प्रदर्शन का आज नौवां दिन है। प्रदर्शन के चलते सिंघु-टिकरी से लेकर गाजीपुर बॉर्डर बंद हैं।
तृणमूल कांग्रेस ने नए कृषि कानूनों को ‘क्रूर’ बताते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि संबंधित पक्षों से मशविरा किए बिना इन्हें पारित किया गया और भाजपा किसानों के अधिकारों को कॉर्पोरेट घरानों को बेच रही है। वही आज टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन आज सिंघू बॉर्डर पहुंचे जहां उन्होंने किसान से मुलाकात की।
इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किसान नेताओं से बात की। बनर्जी ने सिंगूर में ‘बलपूर्वक’ भूमि अधिग्रहण के खिलाफ 2006 में 26 दिनों की अपनी भूख हड़ताल का हवाला देते हुए नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों को अपना समर्थन दिया। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि कृषि भूमि के जबरन अधिग्रहण के खिलाफ 14 साल पहले उन्होंने चार दिसंबर 2006 को कोलकाता में अपनी भूख हड़ताल शुरू की थी जो 26 दिनों तक चली थी।
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी उस समय वाम मोर्चा नीत राज्य में विपक्ष की नेता थीं। बनर्जी ने बृहस्पतिवार को धमकी दी थी कि अगर नए ‘किसान विरोधी’ कानून वापस नहीं लिए जाते हैं तो देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। वहीं तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने आरोप लगाया कि नए कृषि कानून ‘असंवैधानिक’ हैं और यह कॉर्पोरेट घरानों की मदद के लिए पारित किये गए हैं।