एक मां जिसने अपनी जिंदगी का बड़ा हिस्सा अपने 11 बच्चों की परवरिश में निकाल दिया। बेशर्त अपना प्यार और कर्तव्य निभाती इस मां की अपने बच्चों से सिर्फ इतनी आशा थी कि उसके बच्चे बुढ़ापे में उसका सहारा बने। लेकिन उम्र के आखिरी पड़ाव पर 11 बच्चों में से किसी का साथ न मिलने से आहत मां ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग कर दी। मामला कर्नाटक के राणेबेन्नूर शहर के पास का है।
राणेबेन्नूर शहर के पास रंगनाथनगर निवासी 75 वर्षीय पुत्तव्वा हनुमंतप्पा कोट्टुरा के पास 30 एकड़ जमीन है। उसके पास सात आवासीय घर और फ्लैट भी है। उसके 11 बच्चे है, इसके बावजूद वृद्ध महिला ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग करते हुए अर्जी दायर की है। बुजुर्ग महिला के 7 बेटे और 4 बेटियां है।
11 में से एक भी बच्चे का सहारा नहीं मिलने से दुखी मां ने अपनी याचिका में बताया कि उसके सात बेटे और चार बेटियां है, लेकिन उनमें से कोई भी इस उम्र में उनकी देखभाल करने को तैयार नहीं है। वृद्धा ने दावा किया कि उनके लिए बीमारियों के साथ जीवन जीना बहुत मुश्किल होता जा रहा है।
हाल ही में उस परेशान मां को हावेरी जिला आयुक्त कार्यालय की सीढ़ियों पर अकेले बैठे रोते हुए देखा गया। बाद में, उन्होंने जिला आयुक्त संजय शेट्टान्नवरा के समक्ष इच्छामृत्यु के लिए याचिका दायर की। मां की याचिका पर अभी तक किसी भी बच्चे की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
आज के समाज में मां-बाप को घर से निकाल देने के कई मामले हमारे सामने आते रहे हैं। लेकिन कभी किसी मां या पिता की ओर से इस तरह की मांग का मामला सामने नहीं आया। इच्छामृत्यु की मांग ये बताते है कि वह मां अपने दर्जनभर बच्चों के इस व्यवहार से कितना आहत है।