उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार कोविड महामारी के बावजूद राज्य के विकास को लेकर चिंतित है और सबका साथ, सबका विकास के साथ ही सबके विश्वास के फार्मूले को लेकर आगे बढ़ रही है।
श्री तीरथ ने यहां वात्सल्य योजना के बारे में कहा कि इसमें न केवल कोरोना महामारी बल्कि अन्य बीमारियों से अनाथ हुए बच्चों को भी शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने यह बात आज हल्द्वानी के दौरे पर कही। उन्होंने काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस में 109.09 करोड़ रुपये की लागत की 24 विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण भी किया। इनमें से लगभग 11.39 करोड़ रुपये की लागत से तैयार लालकुआं के गोरापड़व मॉल तिराहे-इंदरपुर-हनुमान मंदिर-घनश्याम जोशी-हरीपुर मार्ग का चौड़करण, स्यूड़ बड़त पेयजल योजना, पस्तोला पेयजल योजना एवं राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान चोरगलिया का लोकार्पण भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने इसी दौरान जनपद की विकास योजनाओं व कोरोना महामारी की तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों से जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि सरकार कोरोना महामारी के बावजूद प्रदेश के विकास में लगी है। सरकार हर वर्ग का ध्यान रख रही है और सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास के फार्मूले पर आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा की उनकी सरकार प्रदेश में अनाथ बच्चों के लिये सबसे वात्सल्य योजना लेकर आयी है। इसमें कोरोना महामारी के अलावा अन्य बीमारी से अनाथ हुए बच्चों को भी शामिल किया गया है। सरकार ऐसे बच्चों की देखरेख करेगी और उन्हें प्रतिमाह 3000 रुपये के अलावा उन्हें 21 साल तक मुफ्त शिक्षा उपलब्ध करायेगी। इसमें उच्च एवं तकनीकी शिक्षा भी शामिल है। प्रशासन न केवल ऐसे बच्चों का ख्याल रखेगा बल्कि उनकी जमीन-जायदाद पर भी कोई बुरी नजर नहीं डाल पायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने 18 साल से ऊपर के बच्चों का भी मुफ्त टीकाकरण का सबसे पहले निर्णय लिया। उन्होंने टीकाकरण महाभियान एवं उत्तराखंड की जनता के सहयोग के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द, मोदी एवं केन्द, सरकार की भी तारीफ की।इस दौरान मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया और काले झंडे दिखाये। कार्यकर्ताओं ने ‘मुख्यमंत्री वापस जाओ’ के नारे लगाये। पुलिस ने हालांकि तुरंत ही गिने चुने कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते हालात खराब हैं। काम बंद होने के चलते हजारों लोग एवं दिहाड़ मजदूर बेरोजगार हो गये हैं। सरकार आर्थिक मदद करने के बजाय महंगाई थोप रही है। विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं ने बैकलॉग के पदों को भरने और हल्द्वानी के ट्रंचिंग ग्राउंड को हटाने समेत सरकार से कई मांग की है।