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शिक्षा के बिना विकास संभव नहीं

शैक्षणिक गतिविधियों के आयोजन से क्षेत्र के लोगों में शिक्षा के प्रति और जागरूकता उत्पन्न होंगे। वे पढऩे तथा पढ़ाने हेतु पूर्णत: सक्रिय रहेंगे।

रांची : झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के नये भवन के उद्घाटन के अवसर पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के नए भवन के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुझे सम्मिलित होकर अपार प्रसन्नता हो रही है। हम सभी जानते हैं, कि शिक्षा के बिना किसी राष्ट्र का विकास संभव नहीं है। शिक्षा ही किसी भी राष्ट्र की विकास की कुंजी होती है। शिक्षा के द्वारा ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है उद्धार होता है।

राज्यपाल ने बताया कि रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय राज्य में अपने तरह का पहला एवं देश का तीसरा ऐसा विश्वविद्यालय है जिसमें क्रिमिनोलॉजी, इंडस्ट्रीयल सेकुरिटी फोरेंसिक साइंस, साइबर सेकुरिटी पुलिस साइंस आदि विशयों की डिग्री एवं डिप्लोमा की पढ़ाई की जाती है। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य के युवाओं एवं किशोरों में सैन्य एवं पुलिस सेवा में जाने हेतु बहुत उत्साह व्याप्त है। वे इस सेवा में जाने हेतु अथक मेहनत करते हैं, लेकिन बेहतर मार्गदर्शन के अभाव में सफलता प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय हमारे युवाओं का बेहतर मार्गदर्शन देने का कार्य करेगा।

राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू ने कहा कि झारखंड राज्य के लिए सम्मान का विषय है कि ऐसे विशिष्ट विश्वविद्यालय की स्थापना यहां की गई है। यहां के अधिक-से-अधिक युवा सेना, पुलिस तथा निजी सुरक्षा संगठनों में योगदान दे सकेंगे। उनकी सफलता से राज्य के अन्य युवा भी प्रेरित होंगे और कामयाबी अर्जित करेंगे। आज आतंकवादी घटनाओं सहित समाज में उग्रवाद, आर्थिक एवं साइबर अपराध जैसी घटनायें घटित हो रही है, ऐसे में यहां के विद्यार्थियों को जानकारी एवं प्रशिक्षण सुलभ कराना अत्यन्त प्रशंसनीय है।

इससे हमारे युवा-वर्ग आत्मनिर्भर तो बनेंगे ही, साथ ही सामाजिक बुराइयों का अन्त करने में अपना योगदान देकर राष्ट्रहित में व्यापक कार्य करेंगे। किसी भी विश्वविद्यालय का गठन करना ही मात्र मकसद नहीं है। विश्वविद्यालय में बेहतर माहौल हो, सभी प्रकार के आधारभूत संरचनायें उपलब्ध हो। विश्वविद्यालय का अपना भवन हो, जहां नियमित रूप से पढ़ाई एवं इससे जुड़े अन्य गतिविधियां संचालित हो। अच्छे लाईब्रेरी हो, लेबोरिट्री हो। कहने का अभिप्राय ज्ञान का वातावरण हर हाल में उपलब्ध हो। इसके लिए झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के भवन का निर्माण आवश्यक था। शैक्षणिक गतिविधियों के आयोजन से क्षेत्र के लोगों में शिक्षा के प्रति और जागरूकता उत्पन्न होंगे। वे पढऩे तथा पढ़ाने हेतु पूर्णत: सक्रिय रहेंगे।

झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय सुरक्षा बलों की संपूर्ण कार्यशैली में एक्सिलेंस लाने हेतु तकनीकी ज्ञान और प्रबंधन की जानकारी देने के साथ-साथ पूरे देश में शान्ति-व्यवस्था को और सुढृढ़ करने का संवाहक बनेगा, ऐसी अपेक्षा है। यहां सुरक्षा से जुड़े विषयों में शोध एवं अनुसंधान व्यापक पैमाने पर हो। साइबर अपराध को रोकने के लिए हमारे युवा सदैव प्रयत्नशील रहें, इसे एक चुनौती के रूप में लें। इस दिशा में उन्हें आगे आना होगा क्योंकि हमारे सामाज में आज अपराध की घटनायें काफी घटित हो रही है।

इस पर नियंत्रण हेतु यह संस्थान अपनी सार्थक भूमिका अदा करें।

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