झारखंड के धनबाद में अपर जिला जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि न्यायधीश की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जितनी तत्परता दिखानी चाहिए थी, उन्होंने नहीं दिखाई। दास ने रविवार को कहा कि जज साहब की मृत्यु पर उन्होंने वह संवेदनशीलता नहीं दिखाई, जितनी की देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार स्टेन स्वामी की बीमारी से हुई मौत पर दिखाई थी।
उन्होंने कहा कि स्टेन स्वामी के मामले में अपराध की गंभीरता को देखते हुए शीर्ष न्यायपालिका ने उनको जमानत नहीं दी थी। लेकिन उनकी मृत्यु पर हेमंत सोरेन ने जो विह्वलता दिखाई, वह जज साबह के निधन पर दिखाई नहीं दी। मुख्यमंत्री ने स्टेन स्वामी के घर जाकर कहा था कि उनके परिवार का एक सदस्य चला गया, जबकि जज साहब के घर जाना तक उन्होंने मुनासिब नहीं समझा। दिवंगत न्यायाधीश के परिजनों को मुख्यमंत्री अपने कार्यालय बुलाकर मिलते हैं, ये परिजन कौन थे, यह भी अस्पष्ट नहीं है। यह मुख्यमंत्री की संवेदनशील पर एक सवालिया निशान है।
उन्होंने कहा कि अच्छा होता की मुख्यमंत्री उनके घर जाते। उनके पिता व परिजनों को ढांढस बंधाते। वहीं पर परिजनों के लिए नौकरी व अन्य सुविधाओं की घोषणा करते। दास ने कहा कि दिवंगत न्यायाधीश की पत्नी को उनकी योज्ञता के अनुरूप सरकारी नौकरी अविलंब दी जानी चाहिए। इसमें विलंब की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। साथ ही उनके बच्चों की परवरिश और पढ़ई-लिखाई का इंतजाम भी सरकार को अपने स्तर से करना चाहिए। जैसा कि शहीद लेफ्ट कर्नल संकल्प शुक्ला की पत्नी को हमारी सरकार ने सरकारी नौकरी व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई थी।