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धर्मेंद्र प्रधान ने 2024 में ओडिशा से चुनाव लड़ने की जताई इच्छा, क्या भाजपा देगी मौका?

केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य धर्मेंद्र प्रधान ने 2024 में ओडिशा से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। ओडिशा में अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव होने हैं।

केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य धर्मेंद्र प्रधान ने 2024 में ओडिशा से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। ओडिशा में अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव होने हैं। शिक्षा मंत्री प्रधान ने यहां अखबार ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मैंने पार्टी (भाजपा) से पहले ही अनुरोध कर दिया है…मैं इस बार चुनाव लड़ूंगा।’’ हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या लोकसभा चुनाव। प्रधान ने मंगलवार को मीडिया से कहा, ‘‘मैं लोकतंत्र में दृढ़ विश्वास रखता हूं, मैं सिर्फ प्रबंधन ही नहीं बल्कि राजनीतिक होमवर्क और कड़ी मेहनत में विश्वास करता हूं। आम जनता के साथ अपने जुड़ाव को जारी रखने के लिए, मुझे लगता है कि चुनाव लड़ना सबसे अच्छा तरीका है।’’
प्रधान 2000 में ओडिशा विधानसभा के लिए और 2004 में देवगढ़ संसदीय सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), बीजू जनता दल (बीजद) के साथ गठबंधन में थी। हालांकि, 2009 में भाजपा-बीजद गठबंधन टूटने के बाद प्रधान विधानसभा चुनाव हार गए। वह 2012 और 2018 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘आज भाजपा ओडिशा में प्रमुख विपक्षी दल है…2014 में हम तीसरे स्थान पर थे। 2014 तक मेरी पार्टी का समूचे ओडिशा में प्रतिनिधित्व नहीं था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व के कारण हम राज्य में प्रभाव तो बना पाए लेकिन उसे वोट में नहीं बदल सके। लेकिन, 2019 में हमने उसे वोट में बदल दिया और एक प्रमुख राजनीतिक दल के रूप में उभरे।’’केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हम 2017 के पंचायत चुनावों में दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गए और 2019 में आठ संसदीय सीट जीतकर अपना वोट प्रतिशत भी दोगुना कर लिया। 2014 में यह आंकड़ा सिर्फ एक था।’’
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि विधानसभा में भाजपा की सीट की संख्या भी बढ़ी। वर्ष 2014 में पार्टी को 10 सीट मिली थी जो 2019 में बढ़कर 23 हो गई। ओडिशा में 146 सदस्यीय विधानसभा है। राजनीतिक विश्लेषक रवि दास ने मीडिया से कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने चेहरे के तौर पर पेश किया और पार्टी इस संख्या को एक से बढ़ाकर आठ करने में सफल रही। उन्होंने कहा, ‘‘एक क्षेत्रीय पार्टी से लड़ना मुश्किल है, जो पिछले 23 साल से सत्ता में है। यहां के लोग एक वैकल्पिक चेहरा देखना चाहते हैं, जो भाजपा अभी तक उपलब्ध नहीं करा पाई है।’’ दास ने कहा, ‘‘अगर धर्मेंद्र प्रधान चुनाव लड़ते हैं, तो लोग उन्हें भाजपा के चेहरे के रूप में देख सकते हैं और मोदी की लोकप्रियता के सहारे पार्टी को जीत का मौका मिल सकता है।’’

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