पटना : मधुमेह एक मेटाबोलिक डिज ऑर्डर है। अगरइसका मरीज अपनापूरा ख्याल रखेऔर व्यायाम करनेके साथ साथउचित खाद्य पदार्थोंका सेवन करेतो इस रोगपर काबू पायाजा सकता है। डायबिटीज एक ऐसीसमस्या है जिसमेंव्यक्ति के शरीरमें पर्याप्त मात्रामें इंसुलिन नहींबन पाता हैऔर शरीर कीकोशिकाएं इंसुलिन के प्रतिठीक से प्रतिक्रियानहीं कर पातीहैं। इंसुलिन ब्लडसे शरीर कीकोशिकाओं में ग्लूकोजको पहुंचाता हैव्यक्तिजो भोजन करताहै वह शरीरको ग्लूकोज प्रदानकरता है जिसेकोशिकाएं शरीर कोऊर्जा प्रदान करनेमें उपयोग करतीहैं।
मधुसूदनी (इंसुलिन) अग्न्याशय यानिपैंक्रियाज़ के अन्तःस्रावीभाग लैंगरहैन्स कीद्विपिकाओं की बीटाकोशिकाओं से स्रावितहोने वाला एकजन्तु हार्मोन है।रासायनिक संरचना की दृष्टिसे यह एकपेप्टाइड हार्मोन है जिसकीरचना 51अमीनो अम्ल सेहोती है। यहशरीर में ग्लूकोज़के उपापचय कोनियंत्रित करता है। पैंक्रियाज यानी अग्न्याशयएक मिश्रित ग्रन्थिहै भोजन केकार्बोहइड्रेट अंश केपाचन के पश्चातग्लूकोजका निर्माण होताहैं।
आंतो सेअवशोषित होकर यहग्लूकोज रक्त केमाध्यम से शरीरके सभी भागोंमें पहुंचता है।शरीर की सभीसजीव कोशिकाओं मेंकोशिकीय श्वसन की क्रियाहोती है जिसमेंग्लूकोज के विघटनसे ऊर्जा उत्पन्नहोती है। डायबिटीज व्यक्ति को किसीभी उम्र मेंहो सकता है।यह आमतौर परबचपन या किशोरावस्थाके दौरान दिखायीदेता है। इसरोग का सबसेसामान्य प्रकार है और40 वर्ष से अधिकउम्र के व्यक्तियोंमें डायबिटीज होनासामान्य बात है।
यह टेस्ट कराने सेपहले व्यक्ति कोकुछ खाने केलिए मना कियाजाता है अर्थात्खाली पेट रहनेके करीब 8 घंटेबाद फास्टिंग प्लाज्माग्लूकोज टेस्ट किया जाताहै। यह टेस्टडायबिटीज या प्रीडायबिटीजका पता लगानेके लिए कियाजाता है।यह टेस्ट भी खालीपेट किया जाताहै। यह टेस्टकरने से दोघंटे पहले मरीजको ग्लूकोज युक्तपेय पदार्थ पिलायाजाता है। इस टेस्ट में डॉक्टरमरीज के रक्तशर्करा की 4 बारजांच करते हैं।यदि आपका ब्लडशुगर लेबल दोबार सामान्य सेअधिक पाया जाताहै तो आपकोजेस्टेशनल डायबिटीज है।
डायबिटीज का कोईइलाज नहीं हैऔर व्यक्ति जीवनभरडायबिटीज से पीड़ितरहता है। लेकिनडायबिटीज के लक्षणोंसे बिना किसीदवा के प्रतिदिनएक्सरसाइज, संतुलित भोजन, समयपर नाश्ता औरवजन को नियंत्रितकरके छुटकारा पायाजा सकता है।विशेष आहार डायबिटीजको नियंत्रित करनेमें मदद करताहै। डायबिटीज से पीड़ितरोगियों के इलाजके लिए टेबलेटऔर कभी-कभीइंजेक्शन भी दियाजाता है। इसकेबावजूद यदि शुगरनियंत्रित नहीं होपा रहा हैतो मरीज मेंइसकी गंभीरता बढ़नेकी अत्यधिक संभावनाहोती है।