लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

नागरिकता संशोधन विधेयक पर संघीय व्यवस्था की परम्परा का पालन नहीं किया: कमलनाथ

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक पर केंद्र सरकार ने संघीय व्यवस्थाओं की परम्परा का पालन न करते हुए बहुमत के बल पर संशोधन विधेयक पास करवाया गया है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक पर केंद्र सरकार ने संघीय व्यवस्थाओं की परम्परा का पालन न करते हुए बहुमत के बल पर संशोधन विधेयक पास करवाया गया है। उससे देश की एकता और अखण्डता को खतरा पैदा हो गया है। 
 कमलनाथ शीतकालीन सत्र शुरू होने के पूर्व कल रात अपने निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बहुमत से लोकसभा चलाई जा सकती है, लेकिन देश नहीं। महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दों पर सर्वसहमति और आपसी चर्चा जरूरी होती है। नागरिकता संशोधन विधेयक पर केंद्र सरकार को देश के सभी मुख्यमंत्रियों से बैठक कर चर्चा करनी चाहिये। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी देश की संस्कृति और विविधता को अक्षुण रखने और लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए यह जरूरी है कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में सभी का सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि मौजूदा केंद्र  सरकार ऐसा नहीं कर रही है, इससे देश का भविष्य खतरे में पड़ गया है। 
 कमलनाथ ने एक वर्ष के कार्यकाल पूरा होने का उल्लेख करते हुए कहा कि इस दौरान उनके सामने बड़ी चुनौतियां थी। खाली खजाना था, भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में 800 करोड़ की ऐसी योजनाएं लागू की थी जिनका बजट में कोई प्रावधान नहीं था। उनका भुगतान भी हमें करना पड़। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दौरान केंद्र से जीएसटी का जो प्रदेश का हिस्सा मिलना था, वह भी नहीं मिल रहा है। 
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय केन्द्रीय योजनाओं में 90 प्रतिशत हिस्सा केंद्र  का और 10 प्रतिशत राज्य का हिस्सा होता था। वर्तमान में केंद्र में बैठी भाजपा सरकार ने इसे घटाकर 60 और 40 प्रतिशत कर दिया है। इन विपरीत परिस्थितियों में हमनें वचन पत्र के आधार पर प्राथमिकताएं तय की और ऋण माफी जैसे बड़ फैसले लिए और काम किया। 
मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा कि वे शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के गुमराह करने और झूठे आरोपों का पूरी ताकत से जवाब दें। उन्होंने सभी मंत्रियों से कहा कि वे पिछले एक साल के कामकाज की जानकारी विधायकों को दें ताकि वे वस्तु स्थिति सदन में रख सकें। प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने झाबुआ के नव निर्वाचित विधायक कांतिलाल भूरिया का स्वागत किया। सामान्य प्रशासन एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह ने सभी मंत्रियों और विधायकों का स्वागत किया।

नागरिकता बिल को लेकर राष्ट्रपति से मिलेगा विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल, शिवसेना नहीं होगी शामिल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sixteen + 14 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।