पटना : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के तीन तलाक को लेकर लाए गए अध्यादेश को मंजूरी दे दिए जाने पर बिहार में भाजपा के साथ सत्ताधारी जदयू ने बुधवार को कहा कि इस मामले में निर्णय करने का अधिकार मुस्लिम समाज को दे दिय जाना चाहिए । जदयू के वरिष्ठ नेता और सांसद आरसीपी सिंह से नरेंद्र मोदी सरकार के तीन तलाक को लेकर लाए गए अध्यादेश को मंजूरी दे दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह तो मात्र अध्यादेश है, इसको लेकर कानून अभी नहीं बना है।
जब कानून बनाए जाने का समय आएगा तो उसपर हम बात करेंगे ।’ इस बारे में जदयू के रुख के बारे में पूछे जाने पर आरसीपी ने कहा कि इस मामले को लेकर उनकी पार्टी का रुख स्पष्ट है कि इस समाज (मुस्लिम समुदाय) पर इस संबंध में निर्णय करने का अधिकार छोड़ा जाना चाहिए । यह एक संवेदनशील मामला है । वहीं बिहार के विपक्षी दलों राजद और कांग्रेस ने इसको लेकर भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया ।
राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्यंजय तिवारी ने आरोप लगाया कि अब जबकि लोकसभा चुनाव का समय नजदीक आने पर भाजपा जानबूझकर वोटों के ध्रुवीकरण के लिए तीन तलाक जैसे मुद्दों को उछाल रही है । बिहार विधान परिषद सदस्य और कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्र ने आरोप लगाया कि तीन तलाक को लेकर भाजपा और खासकर प्रधानमंत्री राजनीति कर रहे हैं ।उन्होंने कहा कि इसमें वैसी महिलाओं के गुजारा भत्ता का कोई प्रबंध नहीं किया गया है जिसका समाधान सरकार द्वारा किया जाना चाहिए ।