अलप्पुझा : केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) में विभिन्न पार्टी नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के पैमाने अलग-अलग दिखाई पड़ते हैं। ऐसा कम से कम उनकी संतानों के गलत कार्यो के मामलों में में तो साफ नजर आता है।
पार्टी के कंजीकुझी के कमेटी सदस्य सी.वी.मनोहरन को पार्टी से शनिवार को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया। उनका कसूर यह था कि उनके बेटे की शादी की पार्टी भव्य रूप से हुई थी। शादी गुरुवार को हुई और अगले दिन रिसेप्शन आयोजित किया गया, जिसमें डीजे की भी व्यवस्था थी।
शादी पार्टी में झगड़ा हो गया जिसे लेकर अगले दिन एक बड़ा विवाद पैदा हो गया और लोकल पार्टी यूनिट के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई।
मामले पर चर्चा करने के लिए एरिया कमेटी की एक बैठक बुलाई गई। मनोहरन उस बैठक में मौजूद थे। कमेटी ने मुद्दे को लेकर नाखुशी जताई और कहा कि इस तरह की भव्य शादी का आयोजन एक सच्चे वामपंथी के लिए अशोभनीय है।
बैठक में मनोहरन ने अपना बचाव किया और कहा कि हर चीज योजनाबद्ध थी और उनके बेटे-दूल्हे द्वारा आयोजित थी। लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा। मनोहरन को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया।
माकपा के वरिष्ठ नेता आर.नजर ने कहा, ‘इस तरह का समारोह आयोजित करना सही नहीं, जिसमें डांस, संगीत और क्या कुछ शामिल नहीं था। एक पार्टी नेता के तौर पर ऐसा नहीं होना चाहिए और यह सही नहीं है।’
लेकिन पार्टी के लोगों के बीच अलग-अलग नेताओं के लिए अलग-अलग पैमाने होने की बात चर्चा का विषय बन गई है।
इससे पहले माकपा के राज्य सचिव कोदियेरी बालाकृष्णन ने भी इसी तरह के एक मामले का सामना किया। जब 33 साल की मुंबई की महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए उनके बड़े बेटे विनय कोदियेरी पर शादी का झांसा देकर कई सालों तक यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया और कहा कि उनका एक आठ साल का बच्चा भी है।
इसके बाद कुछ समय तक फरार रहने के बाद उसे मुंबई के दिंडोशी कोर्ट से इस शर्त पर जमानत मिल गई कि उसे डीएनए टेस्ट कराना चाहिए। इसके परिणाम की प्रतीक्षा है।
जब इस खबर से पार्टी व बालाकृष्णन मुश्किल में फंसे तो पार्टी ने कहा कि बच्चों के गलत कामों पर माता-पिता की आलोचना सही नहीं है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि मनोहरन को बालाकृष्णन की तरह छूट नहीं मिली।