भोपाल (मनीष शर्मा) मध्य प्रदेश के ग्वालियर का नाम बदलने की कांग्रेस नेताओं की मांग को दिग्विजय सिंह ने सिरे से खारिज कर अपनी ही पार्टी के लोगों को करारा जवाब दिया है। कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि ग्वालियर का नाम बदलने की मांग का मैं समर्थन नहीं करता ये गलत है।
सिंधिया घर आने को नीचा दिखाने के लिए झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की शहादत के दिन से शुरू हुई ग्वालियर का नाम बदलने की राजनीति अब नए मोड़ पर आ गई है। कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय ने कांग्रेस की मांग को नकार दिया है। अशोकनगर में पत्रकारों से बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि ये ठीक नहीं है मैं इससे सहमत नहीं हूँ। ग्वालियर का नाम गालव ऋषि के नाम पर हजारों वर्ष पहले रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर 18 जून को इंदौर में एक कार्यक्रम में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने ग्वालियर का नाम बदलने की मांग की थी । उसके बाद कई कांग्रेस नेताओं ने इस मांग का समर्थन किया था। इतना ही नहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया लोकसभा चुनाव में हराने वाले गुना शिवपुरी के भाजपा सांसद केपी यादव जोकि सिंधिया विरोधी है उन्होंने रानी को पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कांग्रेस की मांग का ये कहकर समर्थन किया था कि यदि जनता चाहती है तो लक्ष्मी बाई के नाम पर ग्वालियर का नाम रख दो।
उधर 21 जून को वैक्सीनेशन महाअभियान में शामिल होने ग्वालियर पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया से जब पत्रकारों ने नाम बदलने की कांग्रेस की मांग पर सवाल किया था तो सिंधिया ने कांग्रेस को नसीहत दी थी कि नाम बदलना है तो कांग्रेस अपनी पार्टी का बदले जिससे लोगों के दिलों में फिर जगह बना सके। सिंधिया ने कांग्रेस को बहुत खरी-खोटी सुनाई।
कांग्रेस से जब से सिंधिया अलग हुए हैं पार्टी में उनके साथ रहे सभी नेता मुखर है और समय-समय पर सिंधिया को घेरने की कोशिश करते रहते हैं। कांग्रेश ग्वालियर चंबल संभाग में सिंधिया के प्रभुत्व को खत्म करने में नाकामयाब रही है इसलिए वह ध्यान भटकाने के लिए तथा सिंधिया को नीचा दिखाने के लिए भी इस तरह की बयानबाजी हमेशा करते रही है।