कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमा पर किसानों के आंदोलन को दो हफ्ते हो चुके हैं। कृषि कानूनों को वापसी की मांग को लेकर विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने वाला है। इस मुलाकात से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर राष्ट्रपति से कोई उम्मीद नहीं है।
दिग्विजय ने ट्वीट करते हुए लिखा, राष्ट्रपति जी से किसान विरोधी कानून को वापस लेने के लिए 24 राजनैतिक दलों का डेलीगेशन आज मिलने जा रहा है। मुझे महामहिम जी से कोई उम्मीद नहीं है। इन 24 राजनैतिक दलों को NDA में उन सभी दलों से भी चर्चा करना चाहिए जो किसानों के साथ हैं। नितीश जी को मोदी जी पर दबाव डालना चाहिए।
राष्ट्रपति जी से किसान विरोधी क़ानून को वापस लेने के लिए 24 राजनैतिक दलों का डेलीगेशन आज मिलने जा रहा है। मुझे महामहिम जी से कोई उम्मीद नहीं है। इन 24 राजनैतिक दलों को NDA में उन सभी दलों से भी चर्चा करना चाहिए जो किसानों के साथ हैं। नितीश जी को मोदी जी पर दबाव डालना चाहिए
— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 9, 2020
संवाददाताओं द्वारा इस ट्वीट पर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा, हां, राष्ट्रपति इस मामले में क्या कर सकते हैं? उन्होंने कहा, मोदी जी को अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए। यह किसानों की बात है, ऐसी जिद किसी के लिए भी सही नहीं है। तीनों कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए। आंदोलनकारी किसानों से बात करने के लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाई जानी चाहिए , जो किसानों से बात कर कोई समाधान निकाले।
इसके साथ ही उन्होंने एक नए ट्वीट में लिखा, इस किसान आंदोलन ने गांधी जी को जिंदा कर दिया। मानो जैसे गांधी जी जाग गए हों इन किसानों की रगों में लहू बनकर। गांधी जी के सत्याग्रह को अपनाकर किसानों ने समूचे देश वासियों में लड़ने की अलख जगाई है।
बता दें कि विपक्ष कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में लगातार खड़ी नजर आ रही है। इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेगा। पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, द्रमुक के एक प्रतिनिधि, भाकपा के महासचिव डी राजा और येचुरी शामिल होंगे।