कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज एक बार फिर कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़कर जाने से कांग्रेस और मजबूत हुयी है। राज्यसभा सांसद श्री सिंह ने यहां मीडिया से चर्चा के दौरान सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सिंधिया के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस और अधिक मजबूत हुयी है। राज्य में वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी फिर से प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में एकजुटता के साथ चुनाव लड़गी।
उनके समय में वे ग्वालियर, भिंड और मुरैना जिले का दौरा तक नहीं करते थे
सिंह ने दावा करते हुए कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया को वो स्वयं और तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह कांग्रेस में लेकर आए थे और इस कार्य में संजय गांधी की अहम भूमिका थी। सिंह ने यह भी कहा कि उनके और माधवराव सिंधिया के रिश्ते प्रगाढ़ थे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने दिवंगत कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया के साथ उनके प्रगाढ़ संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि इसी वजह से उनके समय में वे ग्वालियर, भिंड और मुरैना जिले का दौरा तक नहीं करते थे।
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15 माह में ही कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का पतन हो गया था
उन्होंने इस अवसर पर केंद, और राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नीतियों पर भी हमला किया। दरअसल मार्च 2020 में अप्रत्याशित और अभूतपूर्व राजनैतिक घटनाक्रम के चलते तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इस वजह से मात्र 15 माह में ही कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का पतन हो गया था। इस घटना के बाद भी श्री सिंह ने कहा था कि श्री सिंधिया के जाने से कांग्रेस मजबूत हुयी है।