महाराष्ट्र में सियासी तख्तापलट के बाद कांग्रेस नेता दिग्गी राजा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम पद को लेकर ताना मारा है। उन्होनें कहा भाजपा ने अपने 106 विधायक होने के बावजूद फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया हैं, लेकिन शिवसेना को तोड़कर 39 विधायकों के साथ भाजपा को समर्थन देने वाले एकनाथ शिंदे को सीएम पद पर विराजमान कर दिया हैं। कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अब कांग्रेस से बगावत कर भाजपा की सरकार बनवाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर चुटकी ली है। उन्होंने कहा है कि सिंधिया को भी मुख्यमंत्री बनाना चाहिए था और शिवराज सिंह चौहान को उपमुख्यमंत्री।
भाजपा का सिंधिया के साथ दोहरा मापदंड -दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह ने कहा हैं जिस प्रकार महाराष्ट्र में भाजपा ने देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया हैं, भाजपा एमपी में ऐसा कर शिवराज सिंह को डिप्टी सीएम बनाकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश का सीएम बना सकती थी। यंहा भाजपा का सरारसर रूप दोहरा मापदंड दिखाई पड़ता हैं। दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट के साथ सिंधिया को लेकर एक न्यूज वीडियो को भी शेयर किया जिसमें केंद्रीय मंत्री इस मुद्दे पर मीडिया कर्मियों को जवाब दे रहे हैं।
ईशारों में ही सिंधिया ने दिग्विजय सिंह को दिया जवाब
अपने गृहजनपद प्रवास के दौरान जब पत्रकारों ने सिंधिया से महाराष्ट्र में नवगठित सरकार को लेकर पूछा तो उन्होनें एकनाथ शिंदे व देवेंद्र फडणवीस को शुभकामनांए दी हैं। इस दौरान जब उनसे गवालियर संभाग के चर्चित पत्रकार ने उन्हें भी सीएम बनने को लेकर सवार पूछा कि क्या उन्हें भी मुख्यमंत्री बनाए जाने की उम्मीद है तो उन्होंने खुद को जनता का सेवक बताते हुए कहा कि ना तो उन्होंने ना ही उनके परिवार से किसी व्यक्ति ने कभी किसी पद की लालसा की है। सिंधिया ने कहा, ”मैं आपका सेवक हूं। मैं ग्वालियर की जनता का सेवक हूं। मैं मध्य प्रदेश की जनता का सेवक हूं। ना कभी राजमाता जी ने, ना कभी मेरे पिता जी ने, ना मैंने कभी कभी कुर्सी या पद का सोचा है। मैं केवल सेवक हूं और केवल सेवक के आधार पर 30 साल जनसेवा के पथ पर चला हूं। जो भी जिम्मेदारी मुझे दी गई थी उसे पूर्ण निभाने की कोशिश की है। मेरे लिए कोई उपाधि सबसे महत्वपूर्ण है तो वह है जनसेवा की ।
आपको बता दे कि महाराष्ट्र के सियासी समीकरणों की तरह संन 2020 में तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य ने एमपी में विधायकों के एक बड़े समूह को अपने साथ लेकर पार्टी से बगावत कर दी। जिसके बाद कांग्रेस नेता कमलनाथ सरकार अल्पमत में आकर गिर गई थी। पार्टी से बगावत करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए। बगावत करने वाले सभी विधायक भाजपा के टिकट लड़कर दोबारा जीतकर आएं । औऱ सिंधिया केंद्र सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री का पद संभाल रहे हैं।