नंदीग्राम : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष को शनिवार को पूरबा मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में नहीं जाने दिया गया, जहां उन्हें विवादास्पद संशोधित नागरिकता कानून के पक्ष में एक रैली को संबोधित करना था। घोष ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने जब नंदीग्राम जाने की कोशिश की, तब पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। एक दशक पहले यह जगह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के किसान आंदोलन का केंद्र रहा था।
घोष ने कहा, ‘‘ हम जिस तरह पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में शांतिपूर्ण रैली कर रहे हैं, उसी तरह हमने नंदीग्राम में भी रैली निकालने की योजना बनायी थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ करीब 15 दिन पहले, हमने इजाजत मांगते हुए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा था। हमने स्थानीय थाना प्रभारी को भी लिखा था। उसके बाद भी उन्होंने अनुमति नहीं दी। उल्टे, पुलिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं पर बिना वजह लाठीचार्ज किया।’’ अधिकारियों ने बताया कि नंदीग्राम जाने वाली सड़कों पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किये गये थे और उन मार्गों पर बैरीकेड लगाये गये थे।
अधिकारियों के अनुसार पूर्वाह्न पुलिस ने तेंगुआ मोड पर चांदीपुर से नंदीग्राम में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे घोष को रोक दिया। उसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हुई। पूरबा मेदिनीपुर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूछ जाने पर नंदीग्राम में रैली की इजाजत के वास्ते कोई पत्र मिलने से इनकार किया। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बिना पुलिस इजाजत के नंदीग्राम जाने की कोशिश करने को लेकर भाजपा पर प्रहार किया।