पटना : भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पांच राज्यों में भाजपा के खिलाफ आयी चुनावी परिणाम कृषि संकट के विरोध में किसानों का आक्रोश एवं युवाओं के बीच उत्पन्न बेरोजगारी है। यह परिणाम देश का लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत है। पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से वार्तालाप कर का. भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नक्सल के नाम पर आतंकित कर रहे थे वहीं योगी आदित्यनाथ साम्प्रदायिक उन्माद पैदा करने मे जुटे थे। इसके विरोध में एनडीए के खिलाफ वोटिंग हुई।
छत्तीसढ़ की तरह पूरे देश से भाजपा का सफाया होना चाहिए। कांग्रेस भ्रष्ट पार्टी, मंदिरों में जा-जाकर केवल छवि बनाने में जुटी है। जिस प्रकार दिल्ली में किसान आन्दोलन को बुद्धिजीवि नौजवानों समेत सभी लोगों का समर्थन मिला था उसी प्रकार लोकसभा चुनाव में भाजपा के िखलाफ सभी विपक्षी दलों को एकजुट होने की जरूरत है।
बिहार में 2015 के नीतीश प्रकरण वाली गठबंधन नहीं हो जो जनादेश को धोखा देने का काम करे। नोटबंदी, जीएसटी, मॉब लिचिंग जैसे मुद्दों पर साढ़े चार साल तक चुप रहने वाली पार्टियां भाजपा के खिसकते जनाधार को देख खेमा बदल कर स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं। ऐसे दलों को महागठबंधन में शामिल होने के पहले जनता से माफी मांगनी चाहिए। नोटबंदी, जीएसटी से देश की जनता तंग हो गयी।
उन्होंने राज्य सरकार पर प्रदेश के कानून व्यवस्था में पफेल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में अपराध व भ्रष्टाचार बेलगाम हो चुकी है। महिला सशक्तिकरण एवं महिलाओं की सुरक्षा की बात करने वाली सरकार में बलात्कार की घटनाएं घट रही है। आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका सडक़ों पर आन्दोलन कर रही हैं। महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण मामले में बिहार देश का मॉडल बने। उन्होंने कहा कि मजदूरों के जायज मांग एवं मोदी नीति के खिलाफ भाकपा माले 8-9 जनवरी से चरणबद्ध आन्दोलन चलायेगी। पत्रकार वार्ता में विधायक महबूब आलम, राजा राम सिंह, धीरेन्द्र झा समेत अन्य उपस्थित थे।