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कर्नाटक कांग्रेस में 100 करोड़ के घूसकांड पर मची कलह, डीके शिवकुमार पर दो पार्टी नेताओं ने लगाया आरोप

कर्नाटक में कांग्रेस बुधवार को उस समय मुश्किल में फंसी नजर आई, जब पार्टी के मीडिया समन्वयक एम ए सलीम और पूर्व लोकसभा सदस्य वीएस उग्रप्पा के बीच उस बातचीत का वीडियो वायरल हो गया, जिसमें एक घोटाले में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार की कथित संलिप्तता का जिक्र किया गया है।

कर्नाटक में कांग्रेस बुधवार को उस समय मुश्किल में फंसी नजर आई, जब पार्टी के मीडिया समन्वयक एम ए सलीम और पूर्व लोकसभा सदस्य वीएस उग्रप्पा के बीच उस बातचीत का वीडियो वायरल हो गया, जिसमें एक घोटाले में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार की कथित संलिप्तता का जिक्र किया गया है। शिवकुमार उस समय राज्य में मंत्री थे। 
कांग्रेस पार्टी ने लिया सख्त एक्शन 
वायरल हुई क्लिपिंग पर कड़ी आपत्ति जताते हुए, शिवकुमार ने कहा कि वह इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि सलीम और उग्रप्पा के बीच बातचीत नहीं हुई, पर उन्होंने बातचीत की सामग्री को खारिज कर दिया। पार्टी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए, सलीम को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया और पार्टी प्रवक्ता उग्रप्पा को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया और तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। 
डीके शिवकुमार पर लगाया घूस लेने का आरोप 
बातचीत संभवत: सिंचाई विभाग में हुए कथित घोटालों से संबंधित है, जिसमें शिवकुमार कथित रूप से शामिल थे। उस समय वह कांग्रेस- जनता दल (एस) की गठबंधन सरकार में सिंचाई मंत्री थे। तत्कालीन सरकार 14 महीने तक चली थी और जून 2019 में गिर गई थी। हालांकि, उग्रप्पा ने स्पष्ट किया कि सलीम केवल उन्हें बता रहे थे कि भाजपा के लोग कर्नाटक और महाराष्ट्र सहित चार राज्यों में 47 परिसरों में सिंचाई और राजमार्ग परियोजना को अंजाम देने वाले तीन प्रमुख ठेकेदारों के खिलाफ बीते सात अक्टूबर से आयकर (आईटी) विभाग द्वारा किए गए छापे के बारे में क्या बात कर रहे हैं। 
आईटी विभाग के छापे पर बात करते नजर आये दोनों नेता 
आईटी विभाग ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि आयकर अधिकारियों द्वारा तलाशी और जब्ती के परिणामस्वरूप लगभग 750 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है। मंगलवार को उग्रप्पा की प्रेस कॉन्फ्रेंस से कुछ मिनट पहले सलीम उनके बगल में बैठ गया और घोटालों के बारे में फुसफुसाने लगा। सलीम को कथित वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है, “पहले, यह आठ प्रतिशत था। उसने इसे बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया। ये सभी डीकेएस द्वारा किए गए समायोजन हैं।”
तीनों ने 50-100 करोड़ रुपये कमाए – एम ए सलीम 
सलीम ने उप्पर और जी शंकर का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘उप्पर बेंगलुरु से हैं और जी शंकर बेल्लारी में होस्पेट से, जिसे आप जानते भी हैं।’’ इस पर उग्रप्पा ने उन्हें ठीक किया कि उप्पर विजयपुरा का है, तो सलीम ने कहा कि उप्पर का घर बेंगलुरु में पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के घर के ठीक सामने है। 
सलीम को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “यह (सिंचाई) एक बड़ा घोटाला है। अगर ठीक से जांच करा ली जाये तो उनकी (डीके शिवकुमार की) भूमिका भी सामने आ जाएगी। आप नहीं जानते, साहब, तीनों ने 50-100 करोड़ रुपये कमाए। अगर उन्होंने इतना (धन का) कमाया होता, तो अंदाजा लगाइए कि उसने (शिवकुमार ने) कितना कमाया होगा। वह एक संग्रह ‘गिराकी’ (जबरन वसूली करने वाला) है।”
शिवकुमार की निजी जिंदगी पर भी उठाये सवाल 
जवाब में उग्रप्पा ने कहा कि वह उन चीजों को नहीं जानते हैं। उग्रप्पा को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “मैं यह नहीं जानता। हम सभी ने उन्हें (शिवकुमार) प्रदेश अध्यक्ष बनाने का रास्ता बनाया। इसलिए मैं कुछ नहीं कह रहा हूं। यही कारण हैं…।’’ इसके अलावा, सलीम ने कहा कि शिवकुमार इन दिनों हकलाते हैं। सलीम ने कहा, “वह इन दिनों हकलाते हैं, शायद लो बीपी या कुछ और कारण हो सकता है।” इस पर उग्रप्पा सहमत हो गए। 
सलीम ने यह भी आश्चर्यपूर्व कहा कि शिवकुमार इन दिनों शराब पीते हैं और यहां तक कि भावुक भी हो जाते हैं। इसके बाद उन्होंने सिद्धारमैया की मजबूत बॉडी लैंग्वेज के लिए उनकी तारीफ की। शिवकुमार ने कहा कि बातचीत वास्तव में हुई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया ने सलीम और उग्रप्पा को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बोलते हुए दिखाया है। 
डीके शिवकुमार ने दी सफाई 
शिवकुमार ने कहा, “आपने दिखाया है कि उन्होंने मेरे खिलाफ बुरा बोला है। मैं इससे इनकार नहीं करूंगा। उन्होंने मेरे खिलाफ बात की है। उग्रप्पा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बयान दिया है।” उन्होंने कहा कि बातचीत की सामग्री से उनका कोई संबंध नहीं है। शिवकुमार ने कहा, “उन्होंने जो कहा उससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है। मैं कभी भी किसी ‘प्रतिशत’ (अनुबंधों में हिस्सा) का हिस्सा नहीं था और मुझे इसकी आवश्यकता नहीं है। मेरा इससे (अनुबंधों में हिस्सा) कोई संबंध नहीं है।”
 दोनों नेताओं को सिद्धारमैया का माना जाता है करीबी 
उग्रप्पा ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए आज एक संवाददाता सम्मेलन किया और कहा कि शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया उनकी दो आंखों की तरह हैं और दोनों ही उन्हें प्रिय हैं। कांग्रेस को अतीत में शिवकुमार और सिद्धारमैया गुटों के बीच शक्ति प्रदर्शन भी देखने को मिला था। उग्रप्पा और सलीम को सिद्धारमैया का करीबी माना जाता है। वीडियो के बहाने कांग्रेस और शिवकुमार को निशाना बनाने के लिए भाजपा को हथियार मिल गया है। 
भाजपा को मिला निशाना साधने का मौका 
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता तेजस्विनी गौड़ा ने प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘शिवकुमार ने आयकर और प्रवर्तन निदेशालय के छापे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ निराधार बयान दिये थे, लेकिन आज उनकी पार्टी के सदस्य ही पार्टी के बैनर तले अपने ही पार्टी कार्यालय में उनके खिलाफ बोल रहे हैं।”
गौड़ा के साथ पत्रकार वार्ता में मौजूद एक अन्य भाजपा प्रवक्ता चलवाडी एन स्वामी ने आरोप लगाया कि कथित नाटक के पीछे सिद्धारमैया का हाथ है, क्योंकि वह उग्रप्पा के जरिये उनकी पोल-पट्टी खोल रहे थे। 

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