मेघालय में चुनाव अभियान पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन खोजने पर केंद्रित है। चेरापूंजी के खूबसूरत शहर में यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो अपने कई झरनों और प्राकृतिक आकर्षणों के लिए जाना जाता है। पिछले कुछ वर्षों में पर्यटकों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है, जिसका पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। अभियान पर्यटकों और अन्य स्थानीय निवासियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करके इस संतुलन को बेहतर बनाने की उम्मीद कर रहा है।
संख्या में लगातार वृद्धि हुई है
आधिकारिक आंकड़ के अनुसार सोहरा में पर्यटकों की संख्या 25 हजार विदेशी सैलानियों सहित लगभग 15.7 लाख थी। पिछले एक दशक में यहां आने वाले लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है और इसे कोविड-19 महामारी के बाद पुनरुत्थान के रूप में देखा जा रहा है। उम्मीद है कि 2024 तक वार्षिक पर्यटकों संख्या 17 लाख से पार हो जायेगी।
दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान
पर्यटन में वृद्धि से हालांकि यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ है, लेकिन स्थानीय लोगों को डर है कि पर्यटकों की बढ़ती संख्या यहां की प्राकृतिक गुफाओं, रूट ब्रिज, झरनों और क्रिस्टल स्पष्ट नदियों के लिए दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान के रूप में जाना जाने वाले स्थान के पारिस्थितिक संतुलन को न बिगाड़ दें और यही डर चुनाव में भी गूंज रहा है।
इको डेस्टिनेशन’ के रूप में जाना जाना चाहिए
इस निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे राष्ट्रवादी पीपुल्स पार्टी के एलन वेस्ट ने यूनीवार्ता से कहा, ‘‘पर्यटकों में वृद्धि का पारिस्थितिक तंत्र पर प्रभाव पड़ रहा है और हम चिंतित हैं। सोहरा को एक जन पर्यटन केंद, में परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए, इसे ‘इको डेस्टिनेशन’ के रूप में जाना जाना चाहिए, ’’ कांग्रेस से उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार सोखलेट ने कहा, ‘‘सतत पर्यटन समय की मांग है।
इस मुद्दे को विशेष रूप से उजागर करती है
हमारा मुख्य जोर ईको और वेलनेस टूरिज्म पर होना चाहिए। पर्यटन का थीम विशिष्ट विकास उद्योग को बनाए रखेगा और विकास और रोजगार प्रदान करेगा।’’ मेघालय की नई पर्यटन नीति भी इस मुद्दे को विशेष रूप से उजागर करती है। मेघालय मसौदा पर्यटन नीति 2022 पर अब चर्चा की जा रही है। सैद्धांतिक रूप से, पर्यटकों की अधिक संख्या जरूरी नहीं कि राज्य में बढ़ हुए खर्च में परिवर्तित हो।