ऋषिकेश : परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के बीच ऋषिकेश क्षेत्र के विकास को लेकर चर्चा की गई। स्वामी ने मुख्यमंत्री को उत्तराखण्ड राज्य में दूरत गति से हो रहे विकास कार्यो यथा कर्णप्रयाग रेलवे लाईन, गंगा जी पर बनने वाला सीता झूला तथा आल वेदर रोड के लिये धन्यवाद देते हुये कहा कि हमारे विकास का लक्ष्य सतत और सुरक्षित विकास हो। उत्तराखण्ड राज्य योग, अध्यात्म और प्राणवायु आक्सीजन से समृद्ध राष्ट्र है इसे योग की वैश्विक नगरी के रूप में पहचान मिली है।
विश्व के अनेक देशों से यहां पर पर्यटक योग, ध्यान, साधना और यहां की आध्यात्मिकता को आत्मसात करने आते है। उन्होंने कहा कि मेरा विश्व के अनेक देशों में जाना होता है तथा परमार्थ निकेतन में भी अनेक देशों से लोग आते है उनके सुझाव हमारी सड़कों और स्वच्छता की व्यवस्थाओं को लेकर होते है। अगर हम परिवहन और सड़कों को और अधिक बेहतर बना दें तथा स्वच्छता की व्यवस्थाओं को यथा कूड़ा कचरा प्रबंधन, व्यवस्थित कचरा डंपिग क्षेत्र आदि को बेहतर करे तो हमारे पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने परमार्थ में लगे एस टी पी प्लांट पर चर्चा करते हुये कहा कि यह एक माॅडल के रूप में है और एक सफल माॅडल के रूप में सामने आया है। स्वामी ने हरित विकास पर जोर देते हुये कहा कि उत्तराखण्ड को प्राणवायु आक्सीजन उत्पादक राज्य बनाने के लिये वृक्षारोपण पर और अधिक जोर देनेेे की जरूरत है। कुम्भ मेला को ग्रीन कुम्भ बनाने के लिये विशद चर्चा की।
उन्होने कहा कि कुम्भ से टाट कल्चर का जन्म हो न की प्लास्टिक या थर्माकोल कल्चर का ताकि यहां आने वाले लोगों का नजरिया बदले वे यहां से एक दृष्टिकोण लेकर जाये और कुम्भ से लोगों को एक दिशा मिले। परमार्थ निकेतन, उत्तराखण्ड सरकार के साथ मिलकर वृक्षारोपण करने की योजना बना रहा है उस पर भी विचार विमर्श हुआ।
– विक्रम सिंह