देहरादून : राजधानी दून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में कुछ छात्रों द्वारा खाने का बहिष्कार किए जाने बाद बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बुधवार को कॉलेज का दौरा जानकारी ली। इस दौरान पता चला कि खिलाड़ियाें के पास न ड्रेस है और न ही उनके लिए खेलने का सामान है। इसके अलावा कॉलेज में तमाम अव्यवस्थाएं पाई गईं।
बच्चों ने आयोग अध्यक्ष को बताया कि उन्हें साल में एक बार भी घर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। खाने का बहिष्कार किए जाने की बाबत जब आयोग अध्यक्ष ऊषा नेगी से कॉलेज प्रधानाचार्य धर्मेंद्र भट्ट से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि बच्चों को समझाकर रात में खाना खिला दिया गया था और खेल मंत्री से अनुमति के बाद बच्चों को 15 दिनों की छुट्टी दी जा रही है।
आयोग अध्यक्ष ऊषा नेगी ने जब कॉलेज परिसर का निरीक्षण किया गया तो अव्यवस्था देखकर चौंक गईं। बच्चों के टॉयलेट, बाथरूम गंदे व टूटी फूटी हालत में पाए गए। पूछताछ की तो पता चला कि मरम्मत कार्यों की फाइल अधिकारियों के जरिये शासन को भेजी गई है और फिलहाल शासन में ही लंबित है। वहीं कॉलेज को बजट कितना दिया जाए। इस संबंध में जानकारी जुटाने के लिए संयुक्त खेल सचिव बृहस्पतिवार को दौरा कर तमाम जानकारियां लेंगे। आयोग अध्यक्ष ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि एक साल से बजट जारी नहीं किए जाने से बच्चों को न तो स्पोर्ट्स का सामान मिला है और न ही ड्रेस मिली है। आयोग अध्यक्ष ने पूछताछ की तो पता चला कि बजट न होने से भोजनालय के ठेकेदार का भुगतान छह माह से नहीं हुआ है। आयोग अध्यक्ष ने बताया कि विभाग में सीधी भर्ती के शिक्षक व कर्मचारी भी शासन की अनदेखी से परेशान हैं। अदालत के आदेश के बावजूद खेल सचिव व कार्मिक विभाग नियुक्ति प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा पाया है।
– सुनील तलवाड़