नैनीताल : जिलाधिकारी संविन बंसल ने बाल-बालिका के गिरते लिंगानुपात पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट का कड़ाई से अनुपालन कराया जाय। उन्होंने कहा प्रसव पूर्व भ्रूण का लिंग प्रकट करना पूर्व निषेध एवं दण्डनीय है, इसलिए प्रसव पूर्व भ्रूण के लिए चयन तकनीकों के दुरूपयोग को पूर्णतया रोकने हेतु जनपद के अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों में नियमित छापेमारी की जाय तथा मानकों के अनुसार भराये जा रहे प्रपत्रों की जांच की जाय। श्री बंसल ने मुख्य चिकित्साधिकारी, उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में अल्ट्रासाउण्ड सेन्टरों का औचक निरीक्षण करें।
उन्होंने कहा कि जनपद में पंजीकृत अल्ट्रासाउण्ड क्लीनिकों द्वारा किये जा रहे अल्ट्रासाउण्ड की सूची नियमित ली जाय। जो अल्ट्रासाउण्ड संचालन ससमय सूची उपलब्ध नहीं कराते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अपने क्षेत्रों में गर्भ धारण से ही गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर सूचीबद्ध करें व उनकी नियमित जांच, टीकाकरण आदि ससमय करायें तथा संस्थागत प्रसव कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र, क्लीनिक, चिकित्सक, व्यक्ति लिंग परीक्षण करायेंगे अथवा लिंग परीक्षण हेतु प्रेरित करेंगे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करते हुए एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करते हुए जुर्माना भी किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक अल्ट्रासाउंड केन्द्र अपने क्लीनिक के बहार पीसीपीएनडीटी एक्ट चेतावनी बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि जनपद में कन्या भ्रूण हत्या की जानकारी देने वाले व्यक्ति को सूचना की पुष्टि हो जाने पर दस हजार का ईनाम दिया जायेगा। सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम व पता पूर्णरूप से गोपनीय रखा जायेगा। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ भारतीय राणा, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. टी.के. टम्टा, डॉ. एम.एम. तिवारी, उपमुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रश्मि पंत, डॉ. संजीव खर्कवाल, एनएचएम के मदन मेहरा, अनूप बमोला, पंकज तिवारी आदि उपस्थित थे।