तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में द्रमुक समेत अन्य विपक्षी दलों ने शुक्रवार रात सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की। द्रमुक ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कथित रूप बल प्रयोग करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किए जा रहे थे।
उन्होंने सवालिया लिहाज़ से पूछा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों हटाने के लिए बल प्रयोग क्यों किया। वहीं बीजेपी नेता एच राजा ने पुलिसकर्मियों पर हमले की निंदा की, जिसमें महिला संयुक्त आयुक्त समेत चार लोग घायल हो गए थे। स्टालिन ने एक बयान में कहा, ‘‘शांतिपूर्ण (प्रदर्शन कर रहे) लोगों पर अकारण अनावश्यक लाठीचार्ज किया गया और इसके कारण राज्य भर के लोगों को सड़कों पर उतरना पड़ा।’’
मुसलमानों का सीएए विरोधी प्रदर्शन शुक्रवार को हिंसक हो गया था। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष में चार पुलिसकर्मी घायल हो थे। इसके बाद तमिलनाडु में कई जगह प्रदर्शन हुए थे लेकिन प्रदर्शनकारियों ने शहर पुलिस आयुक्त ए के विश्वनाथन के साथ बातचीत के बाद प्रदर्शन समाप्त कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर बल प्रयोग का आरोप लगाया था।
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स्टालिन ने इस संबंध में दर्ज हर मामले को वापस लिए जाने और कथित रूप से लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की। अन्ना मक्कल मुनेत्र कषगम के नेता टी टी वी दिनाकरण ने भी सरकार की आलोचना की। एमडीएमके ने अपने जिला सचिवों की बैठक में प्रस्ताव पारित करके प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कथित बल प्रयोग करने को लेकर पुलिस की निंदा की।
तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक सहयोगी बीजेपी के नेता एच राजा ने प्रदर्शन में पुलिस कर्मियों के खिलाफ हिंसा की निंदा की और ट्वीट किया, ‘‘दंगा करने वालों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।’’ बता दें की चेन्नई में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी को लेकर शुक्रवार की रात जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ।
इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसके बाद करीब 100 लोगों को हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया। चेन्नई के वाशरमैनपेट में प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में एकत्रित हुए और वह विरोध प्रदर्शन के दौरान सीएए और एनआरसी के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
इलाके में पुलिस द्वारा की गई बैरिकेडिंग को प्रदर्शनकारियों ने हटाने का प्रयास किया, जिसके चलते यह झड़प हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज का भी सहारा लिया।