द्रमुक ने तमिलनाडु में 2017 में हुए विश्वास मत में मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के खिलाफ मतदान करने वाले अन्नाद्रमुक के 11 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने की याचिका पर त्वरित सुनवाई की मांग करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मामले को तत्काल सुनावई के लिए सूचीबद्ध करने के बारे में वह विचार करेगी।
लोकतंत्र सूचकांक लुढ़कने पर शिवसेना ने केंद्र से किए अर्थव्यवस्था पर सवाल
द्रमुक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की और मणिपुर के मंत्री के मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले का जिक्र किया जिसमें विधानसभा अध्यक्ष को चार हफ्ते के भीतर अयोग्यता संबंधी याचिका पर फैसला लेने का निर्देश दिया गया था। मद्रास हाई कोर्ट ने अप्रैल 2018 में विधायकों को अयोग्य करने की मांग करने वाली द्रमुक की याचिका खारिज कर दी थी।