द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता एमके स्टालिन समेत पार्टी के कई नेताओं ने मंगलवार को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी और उनकी मंत्रिपरिषद पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए 98 पन्नों का एक ज्ञापन सौपा।
विपक्षी नेताओं ने इस दौरान राज्यपाल से कानून के अनुसार भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 2018 की धारा 17-ए के तहत सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय को इस संबंध में जांच करने का आदेश देने की भी अपील की। स्टालिन ने राज्यपाल से मुला़कात करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में बताया कि राज्यपाल ने शिकायत की जांच करने का वायदा करते हुए उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया हैं।
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा दी गई 98 पन्नों की सामग्री भारतीय दंड संहिता, भ्रष्टाचार रोकथाम सहित निविदा पारदर्शिता नियमों और सरकार के प्रावधानों के तहत जांच शुरू करने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कई मामलों में यह दोहराया है कि‘कोई कितना भी ऊपर क्यों न हो, कानून सबसे ऊपर हैं।
स्टालिन ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार के मंत्री पुलिस विभाग, सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय और राज्य सतर्कता आयोग के निर्णय को भी प्रभावित कर रहे है ताकि उन पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच न हो सके। उन्होंने कहा, ‘मंत्रिपरिषद और मुख्यमंत्री लगातार नौकरशाही पर सरकार खजाने से जनता के पैसे की संगठित लूट के खिलाफ कार्रवाई न करने का दबाव बना रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इस तरह की हरकतों ने संविधान के जवाबदेही के सिद्धांत को पूरी तरह नष्ट कर दिया है। विपक्षी नेता ने कहा कि राज्यपाल राज्य के प्रमुख है इसलिए मंत्रिपरिषद की ईमानदारी की जांच करना उनका संवैधानिक कर्तव्य बनता है।