प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के घर पर छापा मारा। यह एक महीने में दूसरी बार केंद्रीय एजेंसी के तरफ से कार्रवाई हुई है। ईडी की टीम भारी संख्या में पुलिस और केंद्रीय पुलिस बल के साथ देशमुख के आवास पर पहुंची, जिससे मामले में और कड़ी कार्रवाई की अटकलें तेज हो गईं। भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद राकांपा के वरिष्ठ नेता ने अपना पद छोड़ दिया था।
गौरतलब है कि ईडी ने अनिल देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मामला दर्ज किया है। आधिकारिक सूत्रों ने के अनुसार देशमुख के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की धाराओं के तहत यह मामला दर्ज किया गया ।
अधिकारी ने बताया कि ईडी अब देशमुख और अन्य लोगों को पूछताछ के लिए तलब कर सकता है। बंबई हाई कोर्ट के आदेश पर नियमित मामला दर्ज कर सीबीआई द्वारा की गई आरंभिक जांच के बाद ईडी ने यह मामला दर्ज किया । बंबई हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए घूस के आरोपों की जांच करने को कहा था।
बता दें कि परमबीर सिंह ने करीब दो महीने पहले राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक लेटर में आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने ही मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया था। अनिल देशमुख ने आरोपों से इनकार किया था। लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट की ओर से सीबीआई जांच के आदेश के बाद देशमुख को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस पूरे मामले की शुरुआत उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिले विस्फोटक वाली कार से शुरू हुआ। इस मामले में मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाझे का नाम सामने आने के बाद विवाद बढ़ता गया।