यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के मुंबई स्थित आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement डायरेक्टरेट) ने शुक्रवार को छापा मारा। येस बैंक की शुरुआत राणा कपूर ने साल 2004 में अपने रिश्तेदार अशोक कपूर के साथ मिलकर की थी आज यह देश का चौथा सबसे बड़ा निजी बैंक है। पूरे देश में इसकी मौजूदगी है।
गौरतलब है कि कपूर तथा अन्य के खिलाफ धनशोधन के मामले की जांच चल रही है और छापे की कार्रवाई इसी सिलसिले में की गई। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी उनके समुद्र महल आवास पर की जा रही है। यह कार्रवाई धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत की गई है तथा इसका उद्देश्य और सबूत जुटाना है।
बता दे कि करीब येस बैंक की 1000 से ज्यादा ब्रांच और 1800 से अधिक एटीएम है। साल 2016 में पीएम मोदी ने जब नोटबंदी की थी तो राणा कपूर ने पीएम मोदी के इस कदम की तारीफ की थी। लेकिन अब इस बैंक के ग्राहकों की पूंजी फंस गई है।
आपको बता दे कि अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने येस बैंक से पैसे निकालने की सीमा तय कर दी है। ग्राहक एक महीने में 50 हजार से ज्यादा की रकम नहीं निकाल पाएंगे। आरबीआई की पांबदियों के बाद शेयर बाजार के निवेशक भी येस बैंक को नो कह रहे हैं। बैंक की इस हालात का जिम्मेदार इसके फाउंडर, पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ राणा कपूर को माना जा रहा है।
वही , येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ आज लुक आउट नोटिस जारी हुआ है। उनकी तलाशी के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम भी मुंबई में उनके घर पहुंची।
प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने धनशोधन के मामले (पीएमएलए) के तहत राणा कपूर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के मुंबई स्थित आवास पर छापा मारा। गौरतलब है कि कपूर के खिलाफ धनशोधन के मामले की जांच चल रही है।
अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी उनके समुद्र महल आवास पर की जा रही है। यह कार्रवाई धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत की गई है तथा इसका उद्देश्य और सबूत जुटाना है।
वही , इससे पहले राणा कपूर ने शुक्रवार को कहा कि वो भारत में ही हैं लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अचानक बैंक के बोर्ड को बदलने के फैसले पर उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार किया।
आरबीआई द्वारा बैंक पर प्रतिबंध लगाए जाने और खाता धारकों को 50 हज़ार रुपए तक ही निकासी करने के फैसले के एक दिन बाद दिप्रिंट ने कपूर से जब संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि मैं क्या कह सकता हूं ।